एफएनएन, कानपुर : कानपुर सिटी ट्रांसपोर्ट लिमिटेड की बैठक में सिकठिया से बड़ा चौराहा वाया घंटाघर तक ई-बस चलाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। यह भी बताया गया कि न्यूनतम किराया पांच रुपये होगा। इलेक्ट्रिक बस सेवा के क्षेत्रीय प्रबंधक डीबी सिंह ने दो कदम के 10 रुपये जैसी बात को अफवाह बताया। कहा कि दिसंबर अंत तक 20 और ई-बसें शुरू होने से कुल 60 बसें चलने लगेंगी। पहले चरण में 100 में 60 बसें चलेंगी। धीरे-धीरे संख्या बढ़ाई जाएगी। वहीं पहले से चल रहीं 20 बसें जाम और अतिक्रमण की वजह से स्पीड नहीं पकड़ पा रही हैं।
- गुटखा खाकर या लेकर गए तो उतारे जाओगे
इलेक्ट्रिक बस सेवा के क्षेत्रीय प्रबंधक डीबी सिंह के मुताबिक ई-बसों में सफाई का बेहद ध्यान रखा जा रहा है। कोई यात्री गुटखा खाते या किसी की जेब में गुटखा, सिगरेट मिली तो उसे उतार दिया जाएगा। सभी ई-बसों के कंडक्टरों और चेकिंग स्टाफ को हिदायत दी गई है।
- चार दिन में पांच गुना बढ़ी ई-बसों की कमाई
11 दिसंबर से शुरू हुईं 20 इलेक्ट्रिक बसों की कमाई धीरे-धीरे बढ़ रही है। पहले दिन 18 हजार रुपये की कमाई हुई थी। चौथे दिन यह 90 हजार रुपये पहुंच गई। अफसरों के मुुताबिक एक लाख प्रतिदिन की आय पहुंचने पर ई-बसों का संचालन फायदे का सौदा साबित होने लगेगा।
- प्रदूषण में आएगी गिरावट
ई-बसों के संचालन से प्रदूषण में कमी आने की संभावना है। जिन यात्रियों को ईंधन की महक से उल्टी होती है, उनके लिए भी बसें बेहद प्राकृतिक यात्रा का एहसास करा रही हैं। ऐसे में यात्रियों का इस तरफ रुझान बढ़ रहा है। विज्ञापन समेत अन्य स्रोतों से आमदनी बढ़ाकर राजस्व बढ़ाने पर जोर होगा।