Friday, April 19, 2024
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Homeराज्यउत्तराखंडआज सोमवती अमावस्या पर कुंभ मेले का शाही स्नान, जानें इसका महत्व

आज सोमवती अमावस्या पर कुंभ मेले का शाही स्नान, जानें इसका महत्व

एफएनएन, हरिद्वार : महाकुंभ-2021 में आज सोमवती अमावस्या का पवित्र शाही स्नान है| हालांकि कोरोना के बढ़ते मामलों क देखते हुए सरकार ने घाटों पर स्नान करने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए कई प्रकार की सख्तियां लागू की हैं| आपको बता दें कि इस साल कुंभ मेला हरिद्वार में आयोजित किया गया है| इस बार हरिद्वार में कुंभ 12 वर्ष बाद नहीं बल्कि 11 वर्ष बाद लगा है| कुंभ का आयोजन ज्योतिष गणना के आधार पर किया जाता है| लेकिन वर्ष 2022 में बृहस्पति ग्रह कुंभ राशि में नहीं होंगे| इसलिए इसी वर्ष 11वें साल में कुंभ का आयोजन किया गया है| हरिद्वार में मां गंगा  पर श्रद्धालु कुंभ के शाही स्नान के लिए पहुंचते हैं लेकिन इस बार कोरोना के चलते लोगों को कई नियमों का पालन करना पड़ रहा है| आस्था और आध्यात्म का यह विश्व का सबसे बड़ा जमघट है जिसे कुंभ मेले के तौर पर जाना जाता है|

जानें कुंभ मेले के प्रमुख स्नान
कुंभ मेले में 6 प्रमुख स्नान होते हैं| पहला स्नान मकर संक्रांति पर होता है| इसके बाद दूसरा स्नान 11 फरवरी को मौनी अमावस्या की तिथि पर हुआ था| इसके बाद तीसरा स्नान 16 फरवरी को बसंत पंचमी के पर्व पर हुआ था| चौथा स्नान 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा की तिथि पर हुआ था| पांचवा स्नान 13 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को होगा| इस दिन हिन्दी नववर्ष का आरंभ भी होगा| छठा प्रमुख स्नान 21 अप्रैल को राम नवमी पर होगा|

महाकुंभ में शाही स्नान का विशेष महत्व है| इस बार कुंभ में कुल 4 शाही स्नान हैं| जो इस प्रकार हैं-
-पहला शाही स्नान, 11 मार्च शिवरात्रि को हुआ था|
-दूसरा शाही स्नान, 12 अप्रैल यानी आज सोमवती अमावस्या के दिन है|
-तीसरा मुख्य शाही स्नान, 14 अप्रैल मेष संक्रांति के दिन होगा|
-चौथा शाही स्नान, 27 अप्रैल बैसाख पूर्णिमा के दिन होगा|

कुंभ स्नान का महत्व
कुंभ में स्नान करने से कई प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है| इस बार पहला प्रमुख स्नान मकर संक्रांति के दिन हुआ था| इस दिन 5 ग्रही योग भी बन रहा था जो प्रथम स्नान को और भी अधिक विशेष बना रहा था| इस दिन मकर राशि में सूर्य का प्रवेश हुआ था| मकर राशि में इस दिन सूर्य के साथ गुरु, शनि, बुध और चंद्रमा भी मौजूद रहे थे| कुंभ स्नान से शनि की अशुभता और राहु केतु से बनने वाले दोषों से भी निजात मिलती है| कुंभ में स्नान, दान और पूजा से जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती है|

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