एफएनएन, लखनऊः राजधानी के चारबाग स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) में तैनात दारोगा पूरनसिंह नेगी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। मवैया-मानकनगर स्टेशनों के बीच रेलवे यार्ड के पास झाड़ियों में खून से लथपथ उनकी लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। नेगी की मौत से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। पुलिस ने मौके से मोबाइल, मृतक का पर्स, सर्विस पिस्टल और नौ कारतूस बरामद किए हैं।
ड्यूटी करने गए थे लेकिन लौट नहीं पाए
आलमबाग थाना प्रभारी ने बताया कि दारोगा पूरन सिंह नेगी आलमबाग के सरदारी खेड़ा में किराए के मकान में रहते थे। पत्नी और दो बच्चे दिल्ली में रहते हैं। चारबाग आरपीएफ में उनकी तैनाती थी। सोमवार को रूम से शाम सात बजे से रात 10 बजे की ड्यूटी करने चारबाग स्टेशन गए थे। मंगलवार सुबह 10 बजे से फिर ड्यूटी थी। मंगलवार को ड्यूटी पर नहीं पहुंचने पर विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने उन्हें फोन किया। रिंग जाती रही पर फोन रिसीव नहीं हुआ।
मोबाइल सर्विलांस पर लगाया तो ट्रेस हुई लोकेशन
विभागीय अधिकारी और कर्मचारी लगातार फोन करते रहे लेकिन पूरन सिंह का कुछ पता नहीं चल सका। लिहाजा दारोगा की गुमशुदगी की विभागीय उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई। आरपीएफ के कर्मचारियों ने ही दारोगा पूरनसिंह के मोबाइल की लोकेशन सर्विलांस की मदद से ट्रेस कर पुलिस को सूचना दी। लोकेशन के आधार पर पुलिस मोबाइल को ट्रेस करके यार्ड के पास पहुंची तो वहां झाड़ियों में खून से लथपथ दारोगा पूरन सिंह का शव पड़ा था। मौके से मृतक दारोगा का मोबाइल, पर्स, सर्विस पिस्टल और नौ कारतूस भी मिले हैं। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम को भेज दिया है।
सीने में गोली लगने के अलावा कोई चोट नहीं
आलमबाग थाना प्रभारी ने बताया कि दारोगा पूरन सिंह के सीने में बायीं तरफ गोली लगी है। उसके अलावा उनके शरीर पर कहीं कोई चोट या खरोंच नहीं है। लिहाजा मृत्यु से पहले किसी से संघर्ष की तस्दीक नहीं हो सकी है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सबूत जुटाने की कोशिश कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मामले में पुलिस अच्छे से जांच कर पाएगी। परिवारजनों को सूचना दे दी गई है। वह जो भी तहरीर देंगे, उसके और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। दारोगा पूरन सिंह को गोली कैसे लगी? पुलिस अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं।