- महाविद्यालय समाज को प्रकाशित करने वाला लाइट हाउस है : प्रो. पांडे
एफएनएन, रुद्रपुर : महाविद्यालय समाज को प्रकाशित करने वाला लाईट हाउस है। सशक्त, समृद्ध आत्मनिर्भर भारत के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। अपने अधिकारों के साथ उत्तरदायित्व एवं कर्तव्यों का निर्वहन करें विद्यार्थी। उक्त बातें सरदार भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रुद्रपुर के सभागार में स्नातक प्रथम वर्ष कला वर्ग में प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए आयोजित दीक्षारम्भ कार्ययक्रम में अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. कमल किशोर पांडे ने कहीं। उन्होंने आगे कहा कि महाविद्यालय ऐसा वातारवण प्रदान कर रहा है जिससे विद्यार्थियों की प्रतिभा क्षमता निखर सकें। साथ ही नए प्रवेशित छात्रों का उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में स्वागत करते हुवे उनकी नई भूमिका के लिए तैयार रहने का आह्वान के साथ ही महाविद्यालय की सभी समितियों और विभागों का परिचय कराया। दीक्षारम्भ की विषय प्रस्तावना रखते हुए कार्ययक्रम की संयोजिका और समाजशास्त्र विभाग की अध्यक्षा डॉ हेमलता सैनी ने कहा कि यह भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की पहल पर नए विद्यार्थियों को महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों की क्रियाकलापों और वातावरण को समझने के साथ ही उनके स्वगात का कार्ययक्रम है जिससे संस्थान से भली भांति परिचित हो सकें।
अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष एवं चीफ़ प्रॉक्टर प्रो आर के पांडेय ने कहा कि यह कार्यक्रम मार्गदर्शिका के रूप में है जिसमें सम्बंधित विभागों के साथ नए विद्यार्थी परिचित होकर अपनी सृजनात्मक कला और जॉब मार्केट के अनुरूप प्रशिक्षण और इंटर्नशिप प्राप्त कर सकें। इंटर्नशिप से जॉब की सेक्युरिटी बढ़ जाती है। अनगढ़ को यहां गढ़ कर बेहतर बनाया जाता है।
इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ नरेश कुमार ने रेमेडियल क्लास और विभन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के टिप्स देते हुए कहा कि सूचनाओं का अद्यतन ज्ञान आपको होना ही चाहिए। संस्कृत विभाग की अध्यक्षा डॉ शशिबाला वर्मा ने कहा कि सोलह संस्कारों में दसवाँ संस्कार दीक्षारम्भ होता है। इसके माध्यम से ही एक दूसरे से परिचित होकर हैम अपने व्यक्तित्व का विकास करते है। विद्यार्थी गुरु से सीखकर ही उच्च स्थान ग्रहण करते है। आईक्यूएसी की समन्वयक डॉ मनीषा तिवारी ने कहा कि सभी विद्यार्थी महाविद्यालय के साथ ही विश्वविद्यालय की वेबसाइट विजिट करतें रहें। आप सभी के लिए मेंटरशिप कार्ययक्रम संचालित है जिससे आप का समुचित मार्गदर्शन मिलता रहेगा। आप सभी विद्यालय से महाविद्यालय में प्रवेश लिए है और महाविद्यालय का वातावरण अलग प्रकार का होता है।
हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो शम्भूदत्त पांडेय ने कहा कि रास्ता महत्वपूर्ण बात होती है। पर बीहड़ व्यावान में रास्ता नहीं होता और जहाँ रास्ता नहीं होता वहाँ होती है एक अदद जमीन और जमीन पर रास्ता बनता है। आप सभी अपने हेल्थ, वेल्थ और कैरेक्टर को मजबूत बनाएं तभी मंजिल प्राप्त होगी। शारीरिक शिक्षा विभाग के अध्यक्ष राजेश कुमार ने विभिन्न स्पर्ट्स की बारीकियों को बताते हुए इसमें उपलब्ध करियर विकल्पों को बताया और कहा कि फिजिकल फिटनेस से ही सारे कार्य सधते है। फिजिकल एजुकेशन में पैसों की कमी नहीं है, कूवत होनी चाहिए। स्पोर्ट कोच बनकर स्पोर्ट एकेडमी भी चलाई जा सकती है। मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्षा डॉ कमला भारद्वाज ने मनोविज्ञान को मन का विज्ञान बताते हुए कहा कि मनोविज्ञान से ही व्यक्तित्व बनता और निखरता है। महाविद्यालय के हेल्थ एंड हैपीनेस क्लब के माध्यम से आप सभी को खुश रहने के गुर शिखाये जातें है। कॅरोना काल और इसके बाद मनोविज्ञान की प्रासंगिकता और अधिक बढ़ गई है।
भूगोल विभाग की अध्यक्षा डॉ पूनम रौतेला ने भौगोलिक स्थितियों के साथ पृथ्वी पर सम्यक संतुलन बनाने की बात कहते हुए कहा कि महाविद्यालय द्वारा पहली बार इस तरह का अपने आप में यह अनूठा आयोजन है । परीक्षा प्रभारी डॉ पी एन तिवारी ने परीक्षा संबंधित सूचनाओं और परीक्षा में सफल होने के गुर सिखाए। समाजशास्त्र विभाग के डॉ रविन्द्र कुमार सैनी ने समाज हित मे विद्यार्थियन से अपनी प्रतिभा क्षमता लगाने की बात कही जिससे समाज और देश सर्वांगीण उन्नति कर सकें। आभार ज्ञापन समाज शास्त्र विभाग के डॉ अंचलेश कुमार ने किया और कार्ययक्रम का संचालन दीन दयाल उपाध्याय कौशल केंद्र के सहायक आचार्य डॉ हरनाम सिंह ने किया जिसमें प्रमुख रूप से डॉ निर्मल जोशी, डॉ रूमा शाह, डॉ विवेकानंद पाठक, डॉ बमेश्वर प्रसाद सिन्हा सहित महाविद्यालय के कला संकाय के नव प्रवेशित विद्यार्थी उपस्थित रहें। विद्यार्थियों ने महाविद्यालय की लाइब्रेरी, अध्यन प्रक्रियाओं, मूल्यांकन पद्धतियों, एनसीसी, इग्नू, यूओयू और कौशल केंद्र सहित विभन्न आयामों के प्रति अपनी जिज्ञासाओं का समाधान संबंधित विशेषज्ञों से प्राप्त किया।