आईसीएमआर का दावा-विश्व में सर्वप्रथम हमने कर दिखाया ब्रिटेन में मिले नए स्ट्रेन ‘सॉर्स-कोव-2’ का सफल ‘कल्चर टेस्ट’
एफएनएन, नई दिल्ली: भारत ने ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए रूप साॅर्स-कोव-2 का दुनिया भर मेें सबसे पहले सफलतापूर्वक ‘कल्चर’ टेस्ट कर दिखाया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने इसे भारतीय चिकित्सा वैज्ञानिकों की अभूतपूर्व उपलब्धि बताते हुए दावा किया है कि उसने ब्रिटेन से आए कोरोना के इस नए स्ट्रेन (रूप) को सफलतापूर्वक ‘कल्चर’ टेस्ट कर ‘आइसोलेट’ कर लिए जाने से इस नए स्ट्रेन के मरीजों के इलाज में काफी आसानी हो जाएगी।
आईसीएमआर ने कहा कि भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश है। खुलासा किया कि कोविड-19 महामारी का पता लगने के फौरन बाद से ही भारत मे इसके ‘कल्चर’ का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे थे। हाल ही में ब्रिटेन से भारत लौटे लोगों के सैंपल का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाॅयरोलाॅजी में सफलतापूर्वक ‘कल्चर टेस्ट किया गया। इसमें वायरस के नए स्ट्रेन को आइसोलेट यानि अलग करने में कामयाबी मिली है। अब तक किसी अन्य देश को नए स्ट्रेन को विभक्त करने में कामयाबी नहीं मिली है।
क्या है ‘कल्चर’ की प्रक्रिया?
‘कल्चर’ एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत रोगी के शरीर में मिले नए स्ट्रेन की कोशिकाओं को नियंत्रित परिस्थितियों के तहत उगाया जाता है और आमतौर पर उनके प्राकृतिक वातावरण के बाहर ऐसा किया जाता है। आईसीएमआर ने एक ट्वीट में दावा किया कि किसी भी देश ने ब्रिटेन में पाए गए सॉर्स-कोवी-2 के नए प्रकार को अब तक सफलतापूर्वक पृथक या ‘कल्चर’ नहीं किया है।
आईसीएमआर ने कहा कि वायरस के ब्रिटेन में सामने आए नए कोरोना वायरस को सभी स्वरूपों के साथ राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान में अब सफलतापूर्वक पृथक और कल्चर कर दिया गया है। इसके लिए नमूने ब्रिटेन से लौटे लोगों से एकत्र किए गए थे।
70 फीसद ज्यादा संक्रामक है कोरोना का नया स्ट्रेन
ब्रिटेन ने हाल ही में घोषणा की थी कि वहां लोगों में वायरस का एक नया प्रकार पाया गया है, जो 70 प्रतिशत तक अधिक संक्रामक है।
भारत में नए स्ट्रेन के 29 मामले
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि सार्स-कोवी-2 के इस नये ‘स्ट्रेन’ से भारत में अब तक कुल 29 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।