एफएनएन, बरेली : बेटों का बदला लेने के लिए एक महिला ने अपनी बेटी का भविष्य दांव पर लगा दिया। यह सच अदालत के सामने तब आया जब पुलिस की तफ्तीश में महिला की बात झूठी निकली। जिसके बाद महिला ने अदालत में कहा कि उसके बेटों को मुकदमे में फंसाया गया था जिसका वह बदला लेना चाहती थी। अदालत ने मामले में झूठ बोलने वाली महिला पर केस दर्ज कर लिया है। जिसके बाद वह आरोपितों के बजाय खुद ही कानून के शिकंजे में आ गई है। मामला देवरनिया थाना क्षेत्र का है। जहां रहने वाली एक महिला ने वर्ष 2018 में अदालत के जरिए गांव के ही महेंद्र, भगवतसरन व बीरबल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया कि उसकी दस वर्षीय बेटी वारदात के दिन स्कूल से वापस लौट रही थी। मुल्जिमान उसे खेत में घसीट कर ले गए और दुष्कर्म का प्रयास किया। पुलिस ने सबूत के अभाव में केस में फाइनल रिपोर्ट लगा दी। कोर्ट ने मां बेटी को तलब कर सच्चाई पता की तो महिला ने हलफनामा देकर कहा कि अब वह मुकदमा नहीं चलाना चाहती। वर्ष 2012 में मुल्जिमान ने अपनी बेटी के अपहरण के केस में उसके दो बेटों को फंसा दिया था। दोनों पर किशोर न्यायालय में अब भी केस चल रहा है। स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट अभय कृष्ण तिवारी ने एफआर मंजूर कर महिला के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की अगली सुनवाई 30 जनवरी को होगी।