Friday, April 19, 2024
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Homeराष्ट्रीयभारत बायोटेक की स्वदेशी 'कोवैक्सीन' के देश मेंं आपात्कालीन इस्तेमाल को मंजूरी

भारत बायोटेक की स्वदेशी ‘कोवैक्सीन’ के देश मेंं आपात्कालीन इस्तेमाल को मंजूरी

  • अब ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) देंगे दोनों वैक्सीन के इस्तेमाल को अंतिम मंजूरी

एफएनएन,नई दिल्‍ली: कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में देश को दूसरी बड़ी सौगात मिली। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोरोना पर विषय विशेषज्ञ समिति ने भारत बायोटेक के स्वदेशी कोविड वैक्सीन कोवाक्सिन के आपात इस्‍तेमाल के लिए मंजूरी दिए जाने की सिफारिश कर दी है।

इससे पहले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विशेषज्ञ समिति ने सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी देने की सिफारिश की थी। अब ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) दोनों वैक्सीन को अंतिम मंजूरी देगा।

डीसीजीआई से मिलेगी इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत

इसके बाद उक्‍त दोनों वैक्‍सीन को अंतिम मंजूरी के लिए देश के दवा महानियंत्रक यानी डीसीजीआई वीजी सोमानी के पास भेजा जाएगा। वह इन वैक्‍सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत देंगे। मालूम हो कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की गई वैक्सीन को पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआइआई) कोविशील्ड के नाम से तैयार कर रही है जबकि भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कोवैक्सीन (COVAXIN) नाम का स्‍वदेशी कोविड टीका विकसित किया है।

बेहतर रहे हैं कोवैक्‍सीन के नतीजे

बीते दिनोंंl रिपोर्टेें  आई थीं कि भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की वैक्‍सीन के पहले चरण के प्रतिभागियों में टीका लगाए जाने के तीन महीने बाद तक एंटीबॉडी और टी-सेल्‍स देखी गई हैं। अध्‍ययन में यह भी पाया गया था कि उक्‍त एंटीबॉडीज छह से 12 महीने तक रह सकते हैं। मालूम हो कि टी-सेल्‍स शरीर में लंबे वक्‍त तक मौजूद रहती हैं और वायरस के संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करती हैं। यही नहीं दूसरे चरण के अध्ययन में इस वैक्‍सीन (COVAXIN) के अच्छे नतीजे सामने आए थे।

नवंबर में शुरू हुआ था तीसरे चरण का ट्रायल

कोवैक्सीन को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान मिलकर बना रहे हैं। भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कोवाक्सिन (COVAXIN) के तीसरे चरण का ट्रायल नवंबर के मध्य में शुरू किया था। वैक्सीन को भारत बायोटेक के बीएसएल-3 संयंत्र में विकसित किया गया है। भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला की मानें तो ट्रायल के नतीजे उत्साहित करने वाले हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बोले, अफवाहों से रहें सावधान

इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कोविड वैक्‍सीन के यसुरक्षित और प्रभावी होने को लेकर अफवाहों और भ्रामक सूचनाओं से लोगों को गुमराह नहीं होने की अपील की। उन्होंने कहा कि वैक्‍सीन को मंजूरी देने से पहले सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा और अप्रूवल में सुरक्षा मानकों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मालूम हो कि सीरम ने छह दिसंबर, भारत बायोटेक ने सात दिसंबर और फाइजर ने अपने टीके को नियामक मंजूरी देने के लिए चार दिसंबर को आवेदन दिया था।

प्राथमिकता वाले लोगों के लिए नि:शुल्‍क टीका

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि टीकाकरण के प्रथम चरण में सर्वाधिक प्राथमिकता वाले लोगों को वैक्‍सीन नि:शुल्‍क उपलब्ध कराई जाएगी। इन लोगों में एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और अग्रिम मोर्चे के दो करोड़ कर्मी शामिल हैं। लाभार्थियों में 50 वर्ष से अधिक आयु के लोग और पहले से किसी बीमारी से ग्रसित इससे कम उम्र के लोग शामिल हैं। हर्षवर्धन ने व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान की क्षमता पर संदेहों को खारिज कर दिया।

 

 

 

 

 

 

 

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