- हल्द्वानी के ऊंचा पुल ब्लाक सभागार में अटलजी की जयंती पर सुशासन दिवस समारोह में बोले उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल
एफएनएन, हल्द्वानी : गंभीरता से किए गए परीक्षण के बाद ही देश में तीन नए कृषि कानून लाए गए हैं। विरोधी दल भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। किसानों के हित वाले इन कृषि कानूनों की वापसी का कोई प्रश्न ही पैदा नहीं होता है। ये बात शुक्रवार को सूबे के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कही।
हल्द्वानी के ऊंचापुल स्थित ब्लाक कार्यालय के सभागार में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के तौर पर मनाया गया। इस दौरान किसान मेला गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि 2014 से मोदी सरकार लगातार किसानों के हित में काम कर रही है। सरकार की मंशा स्पष्ट है कि देश का किसान आर्थिक तौर पर मजबूत हो सके।
कहा कि राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल में कृषि कानून लागू होने से पहले ही मंडी शुल्क समाप्त कर किसानों को राहत देने का काम किया। कोरोना काल में किसानों को हर प्रतिबंध से मुक्त रखा गया। जिला योजना के तहत कृषि और उद्यान के क्षेत्र में 40 फीसद पैसा वापस लौटे प्रवासियों और किसानों को काम देने में लगाया। 80 फीसद की दर से उन्हें आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध कराए गए। बीजों पर 75 फीसद सब्सिडी का प्रावधान रखा गया। उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य बना जिसमें नर्सरी एक्ट को लागू कर गलत पौधा देने पर सजा का प्रावधान रखा गया है। इसके अलावा बिचौलियों की भूमिका खत्म करने के लिए राज्य की 6400 समूहों के लिए 1300 रिटेल आउटलेट बनाए जा रहे हैं। इसकी शुरूआत देहरादून से हो चुकी है।
आर्गेनिक राज्य बनाने पर फोकस
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य को आर्गेनिक राज्य बनाने पर फोकस है। जिसके लिए 6400 समूहों में से प्रत्येक को आर्गेनिक खेती के लिए दस लाख रुपये दिए जा रहे हैं। इंटीग्रेटेड माडल एग्रीकल्चर लाकर किसानों की आर्थिकी मजबूत की जा रही है।
हार्टिकल्चर प्रोड्यूज पर भी एमएसपी
कहा कि हार्टिकल्चर प्रोड्यूज को एमएसपी के आधार पर हार्टिकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के माध्यम से खरीदने पर विचार किया जा रहा है। परंपरागर पौधे को बंद कर अब उद्यान विभाग किसानों को हाई प्रोडक्टिविटी पौधे देगा।
दो सौतेले भाइयों को मिला रहे
कृषि मंत्री उनियाल ने कहा कि कृषि और उद्यान जैसे दो सौंतेले भाईयों को मिलाया जा रहा है। इसके लिए प्रशासनिक आधार पर दोनों विभागों का एकीकरण कर दिया गया है।