एफएनएन, लखनऊ : ‘ दूध का दूध पानी का पानी ‘ कुछ इसी तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस कांड की सच्चाई का पता लगाने के लिए रणनीति तैयार की है। मुख्यमंत्री ने हाथरस कांड में पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर, सीओ, इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर इन सभी का नार्को और पॉलीग्राफ़ टेस्ट कराने के आदेश दिए हैं। इनके साथ ही मृतका के परिजनों और आरोपियों का यही टेस्ट कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह कार्रवाई गृह सचिव भगवान स्वरूप के नेतृत्व में गठित एसआईटी द्वारा दी गई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर की है। एसआईटी ने जांच रिपोर्ट में पाया है कि पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने मामले में लापरवाही की और कर्तव्यों के निर्वहन में ढिलाई बरती। उन्होंने पूरे मामले में अधीनस्थ पुलिस कर्मियों के कामकाज की समीक्षा भी सही ढंग से नहीं की और लगातार मामले में लापरवाही बरतते रहे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने इस मामले में गृह सचिव भगवान स्वरूप, डीआईजी चंद्रप्रकाश और एसपी पूनम के नेतृत्व में एसआईटी गठित की थी। एसआईटी को सात दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया था। एसआईटी ने अभी अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट दी है।
बड़ा फैसला : लड़की के परिजनों और पुलिसकर्मियों का भी होगा नार्को और पाॅलीग्राफ टेस्ट
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