- देहरादून का कूड़ा उठाने में फेल इस कंपनी पर कौन मेहरबान ?
एफएनएन, रुद्रपुर : देहरादून में कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी में फेल हुई ब्लैक लिस्ट रैमकी कंपनी को आखिर किसकी कृपा पर सीईटीपी प्लांट का जिम्मा दिया गया ? प्लांट हेड समेत तीन लोगों की मौत के बाद यह बड़ा सवाल जिंदा हो गया है। सवाल यह भी है कि आखिर बार-बार इस कंपनी को क्यों माफी दे दी जाती है?
2 दिन पहले पंतनगर सिडकुल के सीईटीपी प्लांट में प्लांट हेड समेत तीन लोगों की अमोनिया गैस से दम घुटने और गंदे पानी में गिरने से मौत हो गई थी। हैदराबाद की यह कंपनी किसकी कृपा पर इतनी बड़ी जिम्मेदारी निभा रही थी, इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है। ऐसे में जबकि देहरादून में कूड़ा उठाने का जिम्मा निभाने में यह कंपनी फेल हुई है, इसके बावजूद अगर इसको इतने बड़े प्लांट की जिम्मेदारी दी गई तो आखिर किसके आदेश और किस की कृपा पर ? आपको बता दें कि देहरादून में यह कंपनियां अखबारों की सुर्खियां बनी रहती है।
कूड़ा उठाने का ठेका मिलने के बाद इस कंपनी की ओर से न सिर्फ पुरानी गाड़ियां लगाई गईं, बल्कि बिना नंबर की गाड़ियां भी कार्य में लगाई गई। इसको लेकर देहरादून नगर निगम की ओर से तमाम नोटिस दिए गए और कंपनी को ब्लैक लिस्टेड तक कर दिया गया। इसके बाद दूध कंपनी को पुनः ठेका मिल बावजूद कंपनी बस स्टेशन और उसके पास स्थित मॉल का भी ठेका लेने के लिए टेंडर डाले, लेकिन कंपनी को मौका नहीं मिल सका। बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह कंपनी पंतनगर सिडकुल तक किस तरह पहुंच गई और कैसे इसे प्लांट का जिम्मा संभालने को दे दिया गया। सूत्रों की माने तो शासन में बैठे कुछ अधिकारी और नेता इस कंपनी पर खासी कृपा बरसा रहे हैं। प्लांट में तीन लोगों की मौत के बाद भी कंपनी ने अभी तक जिम्मेदारी नहीं ली, ऐसे में तमाम सवाल उठ खड़े हुए हैं। सवाल यह भी है कि इन मौतों के लिए जिम्मेदार आखिर कौन है?