Friday, April 19, 2024
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सीएम परिवर्तन के बाद बोले हरीश रावत, ‘कांग्रेस को जीतना है 2022 का चुनाव तो सामने रखना होगा एक बड़ा चेहरा’

एफएनएन, देहरादून : उत्तराखंड में बीजेपी के सीएम परिवर्तन के बाद अब राज्य की कमान नए निजाम तीरथ सिंह रावत को सौंप दी गई है। चुनाव से करीब एक साल पहले प्रदेश को अब नया सीएम देकर बीजेपी ने अपनी छवि सुधारने की कोशिश की है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में भी यह कवायद शुरू हो गई है कि अगर पार्टी को अगले साल होने वाला चुनाव जीतना है, तो उसे एक ऐसा चेहरा उतारना होगा..जिसके नाम पर चुनावी मैदान में सारी लड़ाई लड़ी जा सके। कांग्रेस पार्टी के भीतर ये मांग उठाने वाले खुद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हैं, जिनका कहना है कि अगर ऐसा होता है तो चुनाव में बीजेपी को मजबूती से टक्कर दी जा सकेगी। खास बातचीत में रावत ने कहा कि भले ही कांग्रेस अब तक बिना मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ती रही हो, लेकिन इस बार स्थिति अलग है। रावत कहते हैं कि उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को इस बारे में सुझाव दिया है और पार्टी से कहा है कि वह इसपर विचार करे। रावत का मानना है कि अगर ऐसा होता है तो इससे दो बड़े बदलाव होंगे।

लोगों के मन में बढ़ेगा कांग्रेस के प्रति विश्वास: रावत
रावत ने कहा कि इससे दो बड़े फायदे होंगे, एक तो लोगों के मन में यह भरोसा होगा कि वह किस इंसान पर विश्वास कर अपना वोट कांग्रेस को दे रहे हैं। दूसरा पीएम मोदी की छवि के खिलाफ एक स्थानीय चेहरा मजबूती से खड़ा होगा, जो कि उनका मुकाबला कर कांग्रेस को राज्य की सत्ता में स्थापित कर सकेगा। रावत कहते हैं कि सीएम फेस खड़ा करने पर पार्टी के प्रति लोगों में विश्वास बढ़ेगा और इसका असर चुनाव में अवश्य दिखेगा।

..तो क्या पंजाब और उत्तराखंड में साथ काम करेंगे रावत?
हरीश रावत फिलहाल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब के प्रभारी के रूप में काम कर रहे हैं। इस सवाल पर कि क्या वह उत्तराखंड के चुनाव के समय पंजाब कांग्रेस के लिए भी काम करेंगे, रावत ने कहा कि इसमें कोई मुश्किल नहीं आएगी। दरअसल, रावत लगातार पंजाब में पार्टी के संगठन का काम देख रहे हैं और पंजाब में भी उसी वक्त चुनाव होना है जब उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होते होंगे। ऐसे में रावत पर दोनों राज्यों की जिम्मेदारी होगी।

दोनों राज्यों में साथ काम करना मुश्किल नहीं
हरीश रावत का कहना है कि पंजाब और उत्तराखंड में एक साथ काम करना मुश्किल का काम नहीं है। उन्होंने कहा कि दोनों राज्य एक दूसरे से सटे हुए हैं और इसमें कोई भी असुविधा की बात नहीं है कि दोनों राज्यों में एक साथ चुनाव प्रचार किया जाए। हालांकि हरीश रावत का यह कहना है कि वह सीएम पद के लिए खुद को चेहरा बनाने की नहीं, बल्कि फिलहाल सिर्फ एक ऐसे चेहरे को लाने के लिए कह रहे हैं जो कि बीजेपी के खिलाफ मजबूती से मुकाबला कर सके।

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