कंचन वर्मा, रुद्रपुर : चर्चाओं का क्या है, कहीं भी और किसी भी समय शुरू हो जाती हैं, लेकिन यहां मामला कुछ अलग है। चर्चाएं हवा में तैर रही हैं क्योंकि उत्तराखंड कांग्रेस के कुछ विधायक दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। यह वही विधायक हैं जिन्होंने पिछले दिनों शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार और ऊधमसिंह नगर पुलिस को कटघरे में खड़ा किया था। चर्चा तो यहां तक है कि इन विधायकों की देश के गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात होनी है।
चर्चाबाजो ने तो यहां तक जोड़ दिया कि पाला बदल भी हो सकता है। इसकी एक वजह यह भी है कि 2023 में निकाय और 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं। भाजपा ने ने तो अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं और यह धरातल पर भी दिख रही हैं लेकिन कांग्रेस की तैयारियां दूर तक नजर नहीं आती।
हालांकि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा इसी का हिस्सा है, लेकिन उत्तराखंड में इसका कोई असर दिखाई नहीं देता। कांग्रेसी भी सुस्ती के साथ पड़े हुए हैं, उनमें न कोई जोश दिखाई दे रहा है और न ही उत्साह। खैर जो भी हो लेकिन कांग्रेस विधायकों का दिल्ली में होना ऊधमसिंह नगर में चर्चा बना हुआ है।
आपको बता दें कि ऊधमसिंह नगर जिले की 9 विधानसभा सीटों में से किच्छा, खटीमा, नानकमत्ता, जसपुर और बाजपुर यानी पांच सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। 2017 के चुनाव की बात करें तो कॉग्रेस जिले में केवल जसपुर से ही जीत दर्ज करा सकी थी। 2022 के चुनाव में ऊधमसिंह नगर में बड़ा परिवर्तन देखने को मिला और कांग्रेस ने 5 सीटों पर कब्जा जमा लिया। भाजपा ऊधमसिंह नगर में फिर से वर्चस्व कायम करना चाहती है, इसी को लेकर कवायद देखी जा रही है। कांग्रेस विधायकों का दिल्ली में होना, इसी से जोड़कर देखा जा रहा है लेकिन इसमें कितनी सत्यता है यह तो वक्त ही बताएगा। फिलहाल चर्चाओं का क्या है यह तो होती ही रहती हैं।