एफएनएन, रुद्रपुर : देश में बढ़ती महंगाई के खिलाफ कांग्रेस प्रदेश सचिव ने गडढे में दफन होकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर जनता को गडढे में धकेलने का आरोप लगाते हुए कहा कि रोजगार के नाम पर युवाओं को धोखा दिया गया है। शुक्रवार को कांग्रेस के प्रदेश सचिव नंदलाल के नेतृत्व में कांग्रेसी गांधी पार्क में एकत्र हुए और धरना प्रदर्शन शुरू किया। इस दौरान कांग्रेसियों ने धरना स्थल पर तीन फीट का गहरा गडढा खोदा। जिसके बाद कांग्रेस प्रदेश सचिव विरोध का अनोखा तरीका अपनाते हुए खुद को गडढे में दफन कर दिया। इस दौरान उनका कहना था कि केंद्र सरकार लगातार पेट्रोल, डीजल और गैस के दाम बढ़ा रही है। इससे आम जनता को जीना दुश्वार हो गया है। कहा कि देश की संपत्तियां खुर्दबुर्द की जा रही है। देश का युवा बेरोजगार होते जा रहा है। कहा कि भाजपा सरकार ने जनता को गडढे में धकेल दिया है, इससे बाहर तभी निकला जा सकता है जब देश के लोग इन्हें सबक सिखाए। कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार को उत्तराखंड की जनता करारा जवाब देकर कांग्रेस को शासन में लाएगी। धरना प्रदर्शन करने वालों में ओंकार सिंह ढिल्लो, अजय यादव, कमलेश यादव, धर्मेंद्र सिंह, अमर वर्मा, रविंद्र गुप्ता, किशोर समेत तमाम कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे।
रसोई गैस ने बिगाड़ा बजट, गांवों में जलने लगे चूल्हे
गरमपानी : रसोई गैस के बढ़ते दाम व महंगाई की मार ग्रामीण क्षेत्रों में दिखने लगी है। महिलाओं ने रसोई गैस का इस्तेमाल छोड़ अब चूल्हे की ओर रुख कर लिया है। घर का बजट ठीक रहे, इसके लिए महिलाओं ने फिर से पारंपरिक चूल्हे में खाना बनाना शुरू कर दिया है। बढ़ती महंगाई से आम आदमी परेशान है। लगातार दो वर्ष कोरोना संकट ने लोगों की अर्थव्यवस्था बिगाड़ दी है। अब रसोई गैस के बढ़ते दामों ने परेशानियां और बढ़ा दी हैं। आलम यह है कि अब गांव की महिलाओं ने रसोई गैस का इस्तेमाल कम करना शुरू कर दिया है। घरों में चूल्हे जलने लगे हैं, जिसमें परिवारों का भोजन तैयार हो रहा है। रानीखेत-खैरना स्टेट हाईवे से सटे टूनाकोट गांव की भावना देवी, तारा देवी, पुष्पा देवी, विमला देवी, मीना देवी, गंगा देवी के अनुसार लगातार रसोई गैस की बढ़ती कीमतें व महंगाई से बजट बिगड़ चुका है। रसोई गैस की कीमत अब बजट से बाहर जा रही हैं। इसीलिए अब चूल्हे पर खाना तैयार किया जा रहा है। बीते कुछ वर्षों से चूल्हे एकदम बंद हो चुके थे, पर महंगाई की मार ने अब दोबारा चूल्हे की ओर रुख करने को मजबूर कर दिया है। कई महिलाओं ने सब्सिडी न आने की भी बात कही है।