- समीक्षा बैठक के साथ ही मुख्यमंत्री ने ईएसआई हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज का भी निरीक्षण किया
एफएनएन, रुद्रपुर : मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के लिए प्रदेश पूरी तरह तैयार है अस्पतालों में व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली गई हैं। उन्होंने हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सुविधाओं पर प्रसन्नता जाहिर की और कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब हम कोरोना को मात दे देंगे। एक दिवसीय दौरे पर यहाँ पहुंचे भ्रमण पर पंहुचे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने एपीजे अब्दुल कलाम सभागार कलेक्ट्रेट में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर जिले में कोविड संक्रमण की रोकथाम, उपचार एवं उससे बचाव आदि हेतु किए जा रहे कार्यों के साथ ही आगामी मानसून काल के मद्देनजर पूर्व तैयारी तथा जनपद में संचालित विकास कार्यों की विस्तृत रूप से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु अधिक से अधिक सैम्पलिंग बढ़ाई जाए। सभी ग्राम सभाओं में मेडिकल टीम जाकर जांच करे। जांच के दौरान लक्षण वाले प्रत्येक व्यक्ति को तत्काल दवा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें एवं ग्राम स्तर पर निगरानी टीम को और अधिक एक्टिव रखते हुए संक्रमण की रोकथाम हेतु कार्य करें। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केद्रों में भी में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव में कोरोना से संबंधित आवश्यक दवा की किट का भी वितरण शीघ्रता से कराया जाए।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु कड़ाई से कर्फ्यू का अनुपालन कराना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि ब्लैक फंगस की रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार ने 15 हजार इंजेक्शन की व्यवस्था कर ली है एवं कोविड-19 की तीसरी लहर से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। उन्होने कहा कि आवश्यकतानुसार अस्पतालों के साथ ही होटल, धर्मशाला की भी व्यव्स्था करना सुनिश्चित करें। उन्होने कन्ट्रोल रूम का निरीक्षण भी किया, कन्ट्रोल रूम की व्यस्थाओं की सराहना करते हुए होम आईशोलेशन में रह रहे मरीजों से विडियो काॅल के माध्यम से बातचीत कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली एवं जल्द स्वस्थ्य होने की कामना की। उन्होने कहा कि कोविड संक्रमण में जो बच्चे अनाथ हो गये है ऐसे बच्चों को 3000 रुपए प्रतिमाह दिए जायेंगे। उन्होने कहा कि ऐसे अनाथ/असहाय बच्चे जब तक बालिग न हो तब तक जिलाधिकारियों की देखरेख में रहेंगें ताकि उनकी सम्पत्ति को कोई भी नुकसान न पहुचा सके। उन्होने कहा कि कोरोना संक्रमण में बजट की कोई कमी नही है जिसके लिए जिलाधिकारी को भी अधिकार दिये गये है कि वह अपने फण्ड से भी इस महामारी में खर्च कर सकते है। उन्होंने पेयजल, ऊर्जा विभाग, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई समेत विभिन्न कार्यदाई संस्थाओं के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह निर्माण कार्यों को समयबद्धता से पूर्ण करें। अधिकारी मुख्यालय में न बैठकर फील्ड में जाकर विकास कार्यों को आगे बढ़ाएं, कार्य धरातल पर दिखने चाहिए। बैठक में जिलाधिकारी रंजना राजगुरू व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से जिले में कोविड संक्रमण एवं डेंगू की रोकथाम हेतु किए जा रहे कार्यों के अतिरिक्त वर्तमान में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के एवं आगामी मानसून काल के दौरान किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने हेतु की गई पूर्व तैयारी के साथ ही जिले में संचालित विकास कार्यों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने ईएसआई हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सुविधाओं पर संतोष जाहिर किया। उन्होंने कोरोना सहायता समूह की भी प्रशंसा की। इस अवसर पर प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज, परिवहन मंत्री यशपाल आर्य, शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, सांसद अजय भट्ट, विधायक राजकुमार ठुकराल, राजेश शुक्ला, सौरभ बहुगुणा, प्रेम सिंह राणा, पुष्कर सिंह धामी, आदेश चैहान, कुमाऊं आयुक्त अरविन्द सिंह हयांकि, डीआईजी कुमाऊ अजय रौतेला, मेयर रूद्रपुर रामपाल, जिलाध्यक्ष शिव अरोरा, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना, नोडल अधिकारी हाॅस्पिटल मैनेमेंट बंशीधर तीवारी, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 डीएस पंचपाल, अपर जिलाधिकारी उत्तम सिंह चौहान, जगदीश चन्द्र काण्डपाल के साथ ही कोविड से सम्बन्धित नोडल अधिकारी व सम्बन्धित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।