एफएनएन देहरादून : कोरोना वायरस के मिले नए वैरिएंट को लेकर पूरी दुनिया में एक बार फिर से अचानक सतर्कता बरती जाने लगी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुख्यालय जिनेवा में इसी नए वैरिएंट को लेकर दुनिया भर में गाइडलाइंस जारी करने के लिए शुक्रवार को बैठक भी होने वाली है। हालांकि इन सबके बीच अपने देश में अभी तक नए वैरीएंट का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। बावजूद इसके केंद्र सरकार की तरफ से राज्य सरकारों को सतर्कता बरतने के दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं।
- सवाल: साउथ अफ्रीका में मिला ‘बी.1.1.529’ वैरिएंट कितना खतरनाक है?
जवाब: इस वायरस म्यूटेंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुख्यालय जिनेवा में बैठक हो रही है। उसमें तय होगा यह वायरस ऑफ कंसर्न है या वायरस ऑफ इंट्रेस्ट। इसलिए जब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इस बारे में कोई नए दिशानिर्देश जारी नहीं किया जाता, तब तक इसकी गंभीरता के बारे में कुछ कहना मुश्किल है।
- सवाल: इससे पहले भी ऐसे कई वायरस म्यूटेंट सामने आए हैं और हमेशा उनकी तुलना डेल्टा वैरिएंट से की जाती रही है।
जवाब: देखिए, दुनिया में जब भी इस तरीके की कोई महामारी आती है खासतौर से वायरस, तो उसके स्वरूप बदलते रहते हैं। कोरोना वायरस को लेकर भी यही चल रहा है। अब तक इसके बहुत से बदले हुए स्वरूप सामने आ चुके हैं। इस वायरस के आने वाले दिनों में और भी म्यूटेंट सामने आएंगे। इसलिए हमें इससे डरने और घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। बस बचाव करना है।
- सवाल: दुनिया भर से आने वाली मीडिया रिपोर्ट में इसके सबसे ज्यादा खतरनाक होने की बात कही जा रही है।
जवाब: आप के माध्यम से एक बात में सभी को बताना चाहूंगा कि किसी भी वायरस को रोकने का सबसे सरल और सबसे बेहतर उपाय उससे बचाव के जो तरीके या जो गाइडलाइंस जारी की गई हैं उनका पालन करें। जैसे टीकाकरण। मास्क लगाए रहना। भीड़भाड़ वाली जगहों पर बेवजह जाने से बचना। हाथों को धोना और सैनिटाइज करना। अगर इस व्यवहार को हम अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें तो सिर्फ कोरोना वायरस ही नहीं बल्कि और तमाम चीजों से भी बच सकेंगे। वह चाहे प्रदूषण हो चाहे अन्य दूसरे वायरस से होने वाली बीमारी। इसलिए किसी चीज से डरने की बजाय, उससे बचाव के उपाय ही अपनाएं तो ज्यादा बेहतर होगा।
- सवाल: केंद्र सरकार ने तो सभी राज्यों को एडवाइजरी भी जारी कर दी है कि इस वायरस से बचने के लिए हमें ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है।
जवाब: दुनिया के अलग-अलग देशों में जब ऐसे वायरस के बदले स्वरूप सामने आते हैं, खासतौर से जिनका प्रसार अचानक तेजी से होने लगता है या उनकी गंभीरता ज्यादा होती है। तो निश्चित तौर पर हमें सजग हो जाना चाहिए। उसी दिशा में केंद्र सरकार द्वारा यह कदम उठाया गया है। हमें अभी इस मामले में अलर्ट और सजग रहने की आवश्यकता है।
- सवाल: बीते कुछ दिनों में पॉजिटिव केसों की संख्या बढ़ने लगी है। कोविड की वजह से मौतों की संख्या में भी इजाफा होने लगा है।
जवाब: ट्रैकिंग और ट्रेसिंग जितनी ज्यादा प्रभावशाली रहेगी, उतनी ज्यादा निगरानी सख्त होगी। राज्य सरकारों को इस बारे में निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने यहां ट्रैकिंग, ट्रेसिंग और सैंपलिंग लगातार करते रहें। इससे हम सही दिशा में न सिर्फ मामलों की पड़ताल कर पाएंगे, बल्कि इसके संक्रमण को भी रोक सकेंगे। फिलहाल हमारे देश में ऐसे कोई संकेत इस बीमारी के बढ़ने के बारे में नहीं मिल रहे हैं।