Thursday, March 28, 2024
spot_img
spot_img
spot_img
03
Krishan
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeबुद्धिजीवियों का कोनाक्रूर कोरोना...क़ातिल कोरोना, समझना होगा स्वास्थ्य कर्मियों का भी दर्द

क्रूर कोरोना…क़ातिल कोरोना, समझना होगा स्वास्थ्य कर्मियों का भी दर्द

अस्पतालों में मौत ने तांडव मचा रखा है। क्रूर कोरोना विकराल लीला दिखा रहा है, अभी पता नही कितनों को लीलेगा। जीवनदायिनी अस्पताल भी इस लाइलाज वायरस के आगे बेबस नजर आ रहे हैं। अपना सब कुछ झोंककर भी अस्पताल लोगों की जान नही बचा पा रहे हैं, जिससे अस्पतालों को भी जनाक्रोश का सामाना करना पड़ रहा है। इस महामारी से सीधे यदि कोई टक्कर ले रहा है तो वह चिकित्सालय, चिकित्साकर्मी और डाक्टर हैं। यूं समझे की चारों तरफ बारूदी सुरंगे बिछी हैं और शत्रु अदृश्य है । डाक्टर के किसी भी अस्त्र-शस्त्र का रंच मात्र भी वायरस पर प्रभाव नही पड़ रहा है। अस्पताल संसाधनो से जूझ रहे हैं बेड, दवा ,आक्सीजन, नर्सिंग स्टाफ । डाक्टर और उनकी टीम दिन रात विषम और निराशाजनक परिस्थितयों से जूझ रही हैं। डाक्टरों और उनके स्टाफ को ऊर्जा मिलती है अपने मरीजों के ठीक होने के रेशियो से। अपने अथक प्रयासों से भी जब वे अपने मरीजों को लगातार खोते जाते हैं तो पूरी टीम अवसाद में चली जाती है। कल्पना करिए हमें जब किसी के मौत की खबर आती ही तो हम घर में बैठे सहम जाते हैं वे तो अपनी आंखो के सामने अपनों (मरीजो) को खोते जा रहे हैं।आखिर वे भी तो हमारी तरह ही हाड़ मास के बने हैं। ऐसे में हमारी सामूहिक जिम्मेदारी बनती है इन सैनिकों की हौसला अफजाई करने की उनसे बात करें उनकी परेशानियां पूछे उनको और उनके परिवार को एक योद्धा वाला मान सम्मान दें। चाहे वह अस्पताल का वार्ड बोय हो या डाक्टर उसे आपके हौसले की सख्त जरूरत है। यह करके आप मानव सेवा की मिसाल पेश कर सकते हैं। हर पेशे की तरह यहाँ भी स्वार्थी और लालची लोग हैं यह समय उनकी चर्चा का नहीं है।

जेबी सिंह, समाजसेवी, रुद्रपुर

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

CommentLuv badge

Most Popular

Recent Comments