- कोरोना संकमण में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर, लेकिन रिकार्ड टेस्टिंग और मृत्यु दर में गिरावट संतोषजनक
एफएनएन, नई दिल्ली। कमोबेश साल भर पूरा होने के बावजूद जानलेवा कोरोना बीमारी दुनिया से रुखसती का नाम ही नहीं ले रही है। कोरोना का टीका ईजाद होने में भी अभी वक्त लगेगा। पूरी दुनिया पर कहर बरपा रही इस भयंकर बीमारी के संक्रमण के मामलों में भारत फिलहाल दूसरे स्थान पर है। हाल ही में सरकार द्वारा जारी डेटा के अनुसार देश के 8 राज्यों में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं।
देशभर में रविवार को कोरोना से 444 नई मौतों के साथ कोरोना वायरस के मरने वाले लोगों की संख्या 137,173 हो गई है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस से 71 प्रतिशत मौतें दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, पंजाब, केरल, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में हो रही हैं।
मौतों में महाराष्ट्र टापर, दिल्ली दूसरे नंबर पर
महाराष्ट्र में रविवार को 89 मौतें हुई हैं। इनके साथ ही यह सबसे ज्यादा मौतों वाला राज्य बन गया है। दिल्ली में कोरोना वायरस से 68 मौतें, पश्चिम बंगाल में 54 मौतें हुई हैं। 8 राज्यों में से इन तीन राज्यों में कोरोना वायरस से सर्वाधिक मौतें हो रही हैं।
22 राज्यों में मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से कम
देश में 22 राज्य ऐसे हैं जहां मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से 1.45 प्रतिशत कम हुई है। रिपोर्ट किए गए कोविड-19 के मामलों में जितनी भी मौतें होती हैं, वह मृत्यु दर होती है। भारत में मृत्यु दर तेजी से घट रही है। अगस्त में जहां यह 1.98 प्रतिशत थी वहीं अब यह 1.45 प्रतिशत हो गई है। दुनियाभर में भारत में प्रति 10 लाख केसों में सबसे कम मौतें हो रही हैं।
जरूरी एहतियातों से घटाई मृत्यु दर
स्वास्थ मंत्रालय ने सोमवार को ट्वीट किया कि जरूरी एहतियातों के चलते कम मृत्यु दर पाने में कामयाबी मिली है। अब प्रतिदिन 500 से भी कम मौतें हो रही हैं। भारत ने कोरोना टेस्टिंग क्षमता भी काफी बढ़ाई है। अब यह प्रतिदिन 1 लाख टेस्ट के आंकड़े को पार कर गई है। पिछले तीन महीने में भारत ने औसतन 10 लाख से ज्यादा टेस्ट किये हैं। आईसीएमआर ने अब 2,165 टेस्टिंग लैबों को कोरोना वायरस टेस्ट की अनुमति दे दी है। इसमें से 1,175 सरकारी लैब और 990 निजी क्षेत्र की लैब हैं।