- धर्म स्वतंत्रता अधिनियम बनने के.बाद उत्तराखंड का पहला मामला, हाईकोर्ट के आदेश पर डीएम.ने कराई थी जांच
एफएनएन, देहरादून: धर्म परिवर्तन के मामले में लड़की, लड़का और निकाह कराने वाले काजी समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.।
उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम बनने के बाद से उत्तराखंड का यह पहला मामला है. पटेलनगर कोतवाली में दर्ज इस मुकदमे में जांच शुरू कर दी गई है.
थाना प्रभारी प्रदीप राणा ने बताया कि पिछले दिनों नयागांव पटेलनगर निवासी युवक ने हाईकोर्ट में अपनी सुरक्षा के लिए याचिका दायर की थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी देहरादून को जांच कराने के आदेश दिए थे।
प्राथमिक जांच में पाया गया कि युवक की डेढ़ साल पहले सीमाद्वार वसंत विहार (मूल निवासी रुद्रप्रयाग) निवासी एक युवती के साथ ट्यूशन के दौरान जान पहचान हुई थी। पुलिस ने बताया कि दंपती ने उच्च न्यायालय में अपनी सुरक्षा के लिए याचिका दायर की थी जिस पर अदालत ने जिलाधिकारी को मामले की जांच के आदेश दिए थे।
राणा ने बताया कि जांच में पता चला कि महिला ने अपने माता-पिता या जिला प्रशासन को जानकारी दिए बिना विवाह से पूर्व इस्लाम धर्म अपना लिया था जबकि कानून के हिसाब से इसकी सूचना देना जरूरी था।
पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार ने बताया कि यह ‘उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता कानून, 2018’ की धारा तीन, आठ और 12 का उल्लंघन है जिसमें व्यक्ति को धर्म परिवर्तन के लिए कम से कम एक माह पूर्व जिलाधिकारी या उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी को इस संबंध में एक शपथपत्र देना होता है कि वह बिना किसी दबाव या लालच के अपनी मर्जी से अपना धर्म बदलना चाहता हैं।
अंतरधार्मिक विवाह वाले जोड़े को सुरक्षा देने के निर्देश
एक अन्य मामले में, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हाल ही में हरिद्वार प्रशासन से अंतरधार्मिक विवाह करने वाले एक दंपति को सुरक्षा देने को कहा है। पत्नी ने विवाह के कारण अपने परिवार से मिली धमकी का हवाला देते हुए सुरक्षा दिये जाने का अनुरोध किया था।