Thursday, March 28, 2024
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दिल्ली में अब होगा अपना बोर्ड, CBSE से है इतना अलग, जानें- खासियत

एफएनएन, नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया है कि अन्य राज्यों की तरह ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) का अब अपना अलग शिक्षा बोर्ड होगा| इस निर्णय को दिल्ली कैबिनेट ने मजूंरी दे दी है| जिसे ‘दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन’  के नाम से जाना जाएगा| आपको बता दें, राजधानी में वर्तमान में CBSE/ICSE बोर्ड के तहत 10वीं-12वीं परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है| दिल्ली सरकार ने कहा है कि,  शैक्षणिक सत्र 2021-22 में ही कुछ स्कूलों में नए बोर्ड के तहत पढ़ाई शुरू होगी|

आइए जानते हैं कैसा होगा नया बोर्ड और क्या होगी खासियत

– मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन’ की स्थापना करने क उद्देश्य दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में हो रहे क्रांतिकारी परिवर्तन को नई ऊंचाइयों की तरफ लेकर जाना है|

शैक्षणिक सत्र 2021-22 में दिल्ली के कुछ सरकारी स्कूलों में दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (DBSE) के तहत पढ़ाई शुरू करवाई जाएगी| वहीं अगले चार-पांच वर्षों में  दिल्ली के सभी स्कूलों को इसके तहत लाया जाएगा|

-दिल्ली में लगभग 1,000 सरकारी स्कूल और लगभग 1,700  प्राइवेट स्कूल हैं, जिनमें से अधिकांश सीबीएसई से एफिलेटिड हैं|

– केजरीवाल ने कहा, DBSE का उद्देश्य ऐसी शिक्षा प्रदान करना होगा जो “देशभक्त” और आत्म निर्भर छात्रों को तैयार करती है जो समाज और देश की सेवा निःस्वार्थ भाव से करते हैं| इसी के साथ अब रटने पर नहीं समझाने पर जोर होगा|

–  बोर्ड स्कूली शिक्षा में सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं और उच्च अंत तकनीकों को लाएगा| सीएम केजरीवाल ने कहा, यह बोर्ड छात्रों की योग्यता के अनुसार शिक्षा प्रदान करेगा|

– जैसी ही अरविंद केजरीवाल ने नए बोर्ड का ऐलान किया सबसे पहले ये सवाल लोगों के जहन में आया, “क्‍या अभी तक दिल्‍ली के सरकारी स्‍कूलों में चल रहे सीबीएसई बोर्ड को हटा दिया जाएगा”? वहीं इस पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, नए बोर्ड आने का मतलब ये नहीं कि CBSE को रिप्लेस किया जाए| लेकिन नए बोर्ड आने के कारण ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE) और नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET)  जैसी प्रवेश परीक्षाओं के लिए तैयार करने में मदद करेगा, अगली पीढ़ी के छात्र इस बोर्ड की मदद से सरलता से तैयारी कर सकेंगे|

– सीएम केजरीवाल ने कहा,  जिन स्कूलों को राज्य बोर्ड के तहत लाया जाएगा, उनका फैसला स्कूल प्रिंसिपलों, शिक्षकों और अभिभावकों से चर्चा के बाद किया जाएगा|

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