एफएनएन, मुंंबई : मरीज़ों के कानों पर भी कोरोना वायरस वार कर रहा है। मुंबई में कोविड मरीज़ों में सुनने की क्षमता कम होने के मामले सामने आ रहे हैं। डॉक्टरों का तो यहां तक कहना है कि वक़्त पर इलाज नहीं मिला तो जीवनभर के लिए ये वायरस मरीज़ से सुनने की ताकत हमेशा के लिए छीन सकता है। बृहनमुंबई म्युनिसिपल कार्पोरेशन के सायन हॉस्पिटल की प्रोफ़ेसर और ENT डिपार्टमेंट की हेड डॉक्टर डॉ रेणुका ब्रडू बताती हैं कि कोविड के 10% मरीज़ों में सुनने की क्षमता कम होती लग रही है। समय पर इलाज न मिलने से ये वायरस जीवनभर के लिए सुनने की क्षमता को कम या खत्म कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘’आजकल हम देख रहे हैं कि मरीज़ की कान से सुनने की क्षमता काफ़ी कम हो रही है। ये इसलिए हो रहा है क्योंकि जो कान है उसका अपने ब्रेन से भी नस के ज़रिए कनेक्शन है. उस नस में ये वायरस जाकर डैमेज कर सकता है। वैसे और भी वायरस के कारण ये होता है लेकिन कोरोना से भी होता दिख रहा है। ये जो डैमेज है कुछ में वापस से ठीक हो जाता है लेकिन ये सम्भावना भी होती है कि ये परमानेंट लॉस हो सकता है। उन्होंने कहा कि परमानेंट लॉस जैसी स्थिति से बचने के लिए यह जरूरी है कि पेशेंट जल्दी आएं. जितनी जल्दी आएंगे, उतनी जल्दी ठीक होने की संभावना है। अगर देरी की तो बिगड़ सकता है। ” उन्होंने बताया कि 10% के क़रीब मरीज़ों को ये तकलीफ़ हो रही है।मुंबई के सुशील विजय सिंह मई माह में कोविड पोज़िटिव हुए थे। डेढ़ महीने तक उन्हें सुनने में तकलीफ़ रही। वक़्त पर मिले इलाज के कारण वे ठीक हो पाए हैं। सुशील विजय बताते हैं, ‘बाक़ी सब तो ठीक हो गया लेकिन मुंह का टेस्ट और कान बंद था। डेढ़ महीने ठीक होने में लगे। कम सुनाई दे रहा था तो रूटीन चेक अप करवाया। डॉक्टर ने बताया कि वायरस की वजह से है. विटामिन दवा दी उसी से धीरे धीरे ठीक हुआ.’ । अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल के ENT सर्जन डॉ अल्केश ओसवाल ने इस बारे में जानकारी दी कि किस तरह कोरोना वायरस हमारे कानों तक पहुंचता है। उन्होंने बताया, ‘’जो रेसेप्टर लंग्स में पाए जाते हैं जहां कोविड वायरस अटैक होता है और फैलता है. वही रेसेप्टर हमारे ईयर में भी होते हैं। जब संक्रमण आपके कान की तरफ़ पहुँचता है तो वायरस आपके सेल्ज़ को अंदर डैमेज कर सकता है। जिसकी वजह से आपको हियरिंग लॉस हो सकता है.” BMC के KEM हॉस्पिटल के डॉ शशिकांत मशाल कहते हैं न सिर्फ़ कान, बल्कि कोविड के मरीज़ ठीक होने के बाद फेशियल पैरालिसिस यानी आधे चेहरे के लकवे की शिकायत के साथ भी अस्पताल पहुंच रहे हैं। कोविड की वजह से Facial Palsy यानी मुँह टेढ़ा होने के मामले भी पाए गए हैं। कोविड के बाद की ये तकलीफ़ें भी बड़ी हैं लेकिन लक्षण दिखते ही इलाज कराने से ठीक होने की उम्मीद ज़्यादा है इसलिए जानकार कह रहे हैं ऐसे किसी भी लक्षण को नज़रअंदाज़ बिल्कुल न करें।