एफएनएन, नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के विधायक और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार और पंजाब सरकार फिर से आमने-सामने आ गई है| यूपी सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पंजाब अंसारी का इतना समर्थन कैसे कर सकता है? उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य सरकार द्वारा उसका मुखर रूप से बचाव किया जा रहा है| मेहता ने कहा कि अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में मजे कर रहा है जबकि पंजाब के हलफनामे में उसे डिप्रेशन से पीड़ित बताया गया है| सॉलिसिटर जनरल ने कहा, पंजाब यहां एक आतंकवादी का समर्थन कर रहा है| कोर्ट से यूपी के वकील ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अंसारी के खिलाफ कई गंभीर मामले लंबित हैं | यह एक गंभीर पहलू है| उन्होंने कहा, ‘उसके खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जहां समन जारी किए गए थे, जबकि पंजाब में उसने जमानत याचिका भी दाखिल नहीं की और वह वहां मजे कर रहा है |
वहीं अंसारी की तरफ से पेश मुकुल रोहतगी ने इसका विरोध किया और कहा कि अंसारी को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पेश किया जा सकता है| पंजाब सरकार ने भी उत्तर प्रदेश की याचिका का विरोध किया और कहा कि इसमें कोई जल्दबाजी की जरूरत नहीं है| मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट 24 फरवरी को सुनवाई करेगा| इससे पहले पंजाब सरकार ने रूपनगर जेल में बंद विधायक और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को फिलहाल यूपी सरकार को सौंपने से इनकार कर दिया| पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर अंसारी को यूपी सरकार की हिरासत में देने से इनकार किया है| पंजाब सरकार ने इसका कारण अंसारी का खराब स्वास्थ्य बताया है. जेल अधीक्षक के माध्यम से दायर हलफनामे में कहा गया है कि अंसारी कथित तौर पर उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अवसाद, पीठ दर्द और त्वचा की एलर्जी से पीड़ित है|
यूपी सरकार की याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए पंजाब सरकार ने कहा है कि वह चिकित्सकों की राय के अनुसार काम कर रही है| पंजाब सरकार ने कहा कि अंसारी को यूपी से दूर रखने के लिए कोई पूर्वकल्पित साजिश नहीं थी| हलफनामे में कहा गया है कि यूपी की रिट याचिका विचार करने योग्य नहीं है क्योंकि पंजाब में अंसारी को हिरासत में रखे जाने को यूपी अपने मौलिक अधिकार के उल्लंघन का दावा नहीं कर सकता|