खास बातें
- कोरोना के मद्देनजर मार्च में 11 सजायाफ्ता, 64 विचाराधीन बंदियों को मिली थी पैरोल
- एक ही कैदी लौटा जेल, पता लगाने के लिए जेल प्रशासन ने एसएसपी से किया पत्राचार
एफएनएन, रुड़कीः बंदियों के बीच कोरोना संक्रमण न फैलने देने के उद्देश्य से इस साल मार्च में उत्तराखंड की रुड़की जेल से छह माह के पैरोल पर छूटे सात सजायाफ्ता कैदी और 64 विचाराधीन बंदी ‘लापता’ हो गए हैं। पैरोल की अवधि समाप्त होने के बाद भी ये रुड़की उप कारागार नहीं लौटे हैं। ऐसे में जेल प्रशासन और पुलिस की टेंशन बढ़ गई है। जेल प्रशासन ने एसएसपी से पत्राचार कर बंदियों के ‘लापता’ होने की जानकारी दी है। अब पुलिस इनकी तलाश में जुटी है।
हरिद्वार जिले की रुड़की जेल में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए मार्च 2020 के अंतिम सप्ताह में बंदियों और कैदियों की भीड़ कम करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से इन्हें छह माह के पैरोल पर छोड़ देने की गाइडलाइन जारी की गई थी। इसके तहत रुड़की उप कारागार प्रशासन ने पैरोल पर छोड़े जाने वाले 11 सजायाफ्ता कैदियों और 64 बंदियों की लिस्ट तैयार की थी।
इसके बाद इन सभी को छह महीने की पैरोल पर छोड़ दिया गया था, लेकिन पैरोल अवधि खत्म होने के बाद भी इनमें से सात कैदी और सभी 64 बंदी जेल नहीं लौटे हैं। इससे जेल प्रशासन की नींद उड़ी हुई है। जेल प्रशासन ने इनकी वापसी के लिए संबंधित जिलों के एसएसपी से पत्राचार किया है। वहीं, रुड़की जेल से सात कैदियों और 64 विचाराधीन बंदियों के ‘लापता’ होने की सूचना से पुलिस की टेंशन भी बढ़ गई है। पुलिस नाम और पते जुटाकर इनकी तलाश कर रही है। लेकिन, एक को छोड़कर अन्य कैदियों और बंदियों की जेल में वापसी नहीं हो पाई है।
एक को छोड़कर किसी कैदी या बंदी की नहीं हुई है वापसी
जेल में कोरोना संक्रमण न फैले इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी जेलों को आदेश दिए थे कि सात साल से कम सजा वाले कैदियों और जेल रखे गए बंदियों को ही पैरोल पर छोड़ा जाए। इसके बाद जेल प्रशासन की ओर से ऐसे बंदियों और कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था, लेकिन अभी तक एक कैदी के अलावा कोई भी बंदी या कैदी जेल नहीं लौटा है।
हरिद्वार जिले के ही हैं पैरोल पर छूटे सबसे ज्यादा बंदी
जेल प्रशासन के अनुसार, कोरोना काल में पैरोल पर छोड़े गए सबसे ज्यादा बंदी हरिद्वार जिले के ही हैं। सात कैदियों में से एक सहारनपुर का है और बाकी छह हरिद्वार के हैं। इनमें से कुछ गैर इरादतन हत्या, चोरी, लूट समेत अन्य घटनाओं में शामिल हैं।
लापता पैरोल बंदियों के बाबत एसएसपी से पत्राचार
कोरोना काल में रुड़की जेल से 11 कैदियों और 64 बंदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था। इनमें से एक ही कैदी वापस आया है जबकि तीन की सजा पूरी हो चुकी है। 64 बंदियों में से एक की भी जेल में वापसी नहीं हुई है। इन सबके बारे में जानकारी जुटाने के लिए संबंधित एसएसपी को पत्राचार किया गया है।
-जेपी द्विवेदी, जेलर, रुड़की उप–कारागार