एफएनएन, रुद्रपुर : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एक बार फिर विरोधी खेमे पर भारी बैठे हैं। उपचुनाव में वह सल्ट विधानसभा से गंगा पंचोली को टिकट दिलाने में कामयाब रहे हैं, हालांकि पार्टी का ही विरोधी खेमा रणजीत रावत के पुत्र विक्रम रावत को टिकट दिलाने की कोशिशों में लगा था लेकिन हाईकमान ने हरदा की बात को फिर तवज्जो दी है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि 2022 के चुनाव में हरदा की ही चलेगी? आपको बता दें कि उत्तराखंड में कॉन्ग्रेस आपसी गुटबाजी में उलझी हुई है। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश अलग-अलग राग अलाप रहे तो पूर्व मंत्री हरीश रावत का कुछ और ही कहना है। हरदा हाईकमान से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग भी कर चुके हैं जिसका प्रीतम सिंह और इंदिरा विरोध कर रहे हैं। इस बीच सल्ट विधानसभा से वह गंगा पंचोली को टिकट दिलाने में कामयाब रहे हैं। आपको बता दें कि प्रीतम सिंह और इंदिरा पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत के बेटे विक्रम रावत को टिकट चलाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन हरदा की ही चली और गंगा पंचोली को पार्टी ने अपना प्रत्याशी बना दिया। यहां बता दें की एक समय में अच्छे मित्र रहे हरदा और रणजीत रावत के बीच मौजूदा समय में खासा विवाद चल रहा है।