Friday, March 29, 2024
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Homeराज्यउत्तराखंडहाईकोर्ट ने सरकार से पीआईएल पर तीन हफ्ते में मांगा जवाब

हाईकोर्ट ने सरकार से पीआईएल पर तीन हफ्ते में मांगा जवाब

  • तीसरी लहर के अंदेशे से फ्रंट लाइन में तैनात महिला पुलिस कर्मी जो गर्भावस्था में है, जिनके नवजात शिशु है अथवा जिनके बच्चों की आयु पांच वर्ष से कम है इनकी सुरक्षा की करी है मांग
  • हाईकोर्ट की अधिवक्ता प्रभा नैथानी, अधिवक्ता अवदीत नोनियाल, अधिवक्ता हर्ष तनेजा याचिकाकर्ता की तरफ से कर रहे है पैरवी
  • कोर्ट ने अगली तारिक आठ जुलाई की तय

एफएनएन, नैनीताल : कोविड की महामारी में फ्रंट लाइन में तैनात महिला पुलिस कर्मियों जो गर्भवती हैं, नवजात शिशु हैं यह वह मां जिनके बच्चों की आयु 5 वर्ष से कम है इनकी सुरक्षा की मांग करते हुए किच्छा निवास राज्य आंदोलनकारी सुभाष तनेजा द्वारा उत्तराखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की गई है । याचिका में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए, इन्हें सुरक्षित रखने की मांग की गई है। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सरकार से तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है। अधिवक्ता प्रभा नैथानी ने बताया कि उधम सिंह नगर जिले के किच्छा निवासी राज्य आंदोलनकारी सुभाष तनेजा ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि “आशंका जताई जा रही है की अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है तो ये बच्चों के लिये घातक हो सकती है”। याची के अनुसार पुलिस विभाग में तैनात, गर्भवती महिलाएं, नवजात शिशु की माँ या वो माँ जिनके बच्चों की उम्र पांच वर्ष से कम है, इन्हें खतरा हो सकता है । याची ने प्रार्थना की है कि ऐसी महिला पुलिसकर्मियों को अगर हो सके तो छुटटी दे दी जाए या फील्ड जाॅब न देकर ‘वर्क फ्राॅम होम’ या ऑफिस वर्क दिया जाए । ऐसा करने पर ये महिला पुलिसकर्मी अपने को सुरक्षित रखने के साथ ही अपने छोटे छोटे बच्चों के जीवन की सुरक्षा कर सकेंगी । बुधवार को मुख्य न्यायाधीश आर.एस.चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद राज्य सरकार से तीन सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा है । याचिका में अगली सुनाई आठ जुलाई को होनी तय हुई है।

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