एफएनएन, देहरादून : सीबीएसई ने 2021-22 के शैक्षणिक सत्र में 10वीं और 12वीं के लिए नई पॉलिसी की घोषणा की है। इस पॉलिसी के तहत पिछले साल की तरह सिलेबस में कटौती तो की गई है, लेकिन साथ ही साल में दो बार परीक्षाएं कराने का भी फैसला किया गया है। इसके अलावा इंटरनल असेसमेंट, प्रोजेक्ट वर्क को ज्यादा तर्कसंगत बनाने के प्रयास करने की बात भी कही गई है। सीबीएसई बोर्ड ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 में कोरोना महामारी के कारण आई चुनौतियों से सबक लेते हुए नए सत्र 2021-22 के लिए ये अहम फैसला लिया है। बोर्ड ने तय किया है कि नए सत्र में परीक्षाएं दो टर्म में होंगी। कोर्स का सिलेबस दोनों के बीच 50-50 फीसदी के अनुपात में विभाजित होगा। अब नए पैटर्न के मुताबिक, सीबीएसई पहले टर्म की परीक्षाएं नवंबर-दिसंबर में आयोजित करेगा। दूसरे टर्म की परीक्षा मार्च-अप्रैल में होगी। बोर्ड ने यह भी कहा है कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 के पाठ्यक्रम को विषय विशेषज्ञों की ओर से अवधारणाओं और विषयों के परस्पर संबंध को देखते हुए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण का पालन करते हुए दो अवधि में विभाजित किया जाएगा।
ऐसे होगी टर्म परीक्षा
सीबीएसई ने अपने सर्कुलर में कहा है कि पहले टर्म की परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे। यह परीक्षा 90 मिनट की ही होगी। दूसरे टर्म में परीक्षा दो घंटे की होगी। इसमें सभी तरह के प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके अलावा बोर्ड ने यह भी कहा है कि यदि महामारी की स्थिति खत्म नहीं होती है तो दूसरे टर्म की परीक्षा भी 90 मिनट की हो सकती है। इसमें भी बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
स्कूल तैयार करेंगे छात्रों की प्रोफाइल
सीबीएसई ने यह भी कहा है कि नौवीं और 10वीं के लिए इंटर्नल असेसमेंट में तीन पिरियोडिक टेक्स्ट्स, पोर्टफोलियो और प्रैक्टिकल वर्क शामिल किए जाएंगे. जबकि 11वीं और 12वीं के इंटर्नल असेमेंट में यूनिट टेस्ट, प्रैक्टकल टेस्ट, प्रोजेक्ट्स भी शामिल किया जाना तय है। बोर्ड ने स्कूलों से छात्रों की प्रोफाइल तैयार करने को कहा है। सर्कुलर के अनुसार, स्कूल साल भर किए गए सभी असेमेंट के लिए छात्रों की प्रोफाइल तैयार करेंगे और इसका डिजिटल फॉर्मेट बनाएंगे।