- दिया संदेश, टीम कोश्यारी फिर होगी मजबूत
- विधायक राजेश शुक्ला के निजी कार्यक्रमों को भी मुख्यमंत्री ने दी तरजीह
कंचन वर्मा, रुद्रपुर : मुख्यमंत्री बनने के बाद पुष्कर सिंह धामी का गृह जनपद का दौरा कई संकेत दे गया। दो दिवसीय दौरे के पहले दिन उनके कार्यक्रम भले ही रुद्रपुर में रहे हों लेकिन तरजीह किच्छा को मिली। एक तरह से कह सकते हैं कि विधायक राजेश शुक्ला तुलनात्मक रूप से भारी पढ़ते दिखाई दिए। उनके निजी कार्यक्रमों को भी मुख्यमंत्री ने खासी तवज्जो दी, यानी जिला मुख्यालय पर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का अधिकांश समय किच्छा विधायक और उनके क्षेत्र में ही बीता। राजनीतिक समीक्षक इसके कई मायने निकाल रहे हैं, हालांकि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी भरा होगा।
उत्तराखंड की सियासत में कब किसका विकेट गिर जाए, कहना मुश्किल है। सरकार के पिछले साढे 4 साल में एक के बाद एक कर तीन मुख्यमंत्री बदल जाना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। ऐसे में मुख्यमंत्रियों को न बख्शने वाली भाजपा चुनाव में अपने मौजूदा विधायकों को कितना बख्शेगी, यह तो वक्त ही बताएगा। खैर इस समय बात पुष्कर सिंह धामी की कर लेते हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद ऊधमसिंह नगर के दो दिवसीय दौरे में पहला दिन उनको रुद्रपुर में गुजारना था। मुख्यमंत्री तय समय पर सुबह ही कार्यक्रम में शामिल भी हो गए, लेकिन शासन से उनका जो कार्यक्रम जारी हुआ, उसमें किच्छा विधायक और उनके कार्यक्रमों को विशेष तरजीह मिली। मसलन मुख्यमंत्री का लंच किच्छा विधायक राजेश शुक्ला के आवास पर हुआ, जहां वह शुक्ला की माता व परिवार के अन्य लोगों से भी मिले। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राजेश शुक्ला के पिता स्वतंत्रता सेनानी पंडित राम सुमेर शुक्ला की डीडी चौक पर स्थापित प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। मुख्यमंत्री शाम को ही किच्छा विधानसभा के अंतर्गत आने वाली पंतनगर यूनिवर्सिटी पहुंच गए और वहीं कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के साथ ही एनेक्सी में रात्रि विश्वास भी किया। इससे पहले मुख्यमंत्री के पूरे दिन कार्यक्रम की बात करें तो विधायक राजेश शुक्ला ज्यादा करीब नजर आए।
ऐसा सोशल मीडिया पर निजी पोस्ट डाल कर विधायक राजेश शुक्ला ने जताया भी। राजेश शुक्ला की मां से आशीर्वाद प्राप्त करते और पिता पंडित राम सुमेर शुक्ला की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते मुख्यमंत्री धामी की तस्वीरें सोशल मीडिया में काफी वायरल हुई। इससे पहले किच्छा रोड पर एक संस्थान में रखा गया कार्यक्रम निरस्त होना भी चर्चा का विषय बना रहा। राजनीतिक विश्लेषक इसे टीम कोश्यारी से जोड़कर देख रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की बात करें या राजेश शुक्ला की, दोनों ही कोश्यारी के बेहद करीबी माने जाते हैं। कोश्यारी मौजूदा समय में भाजपा में खासी पकड़ रखते हैं और महाराष्ट्र के राज्यपाल भी हैं, ऐसे में चर्चा इस बात की भी है कि पुष्कर सिंह धामी ने टीम कोश्यारी की मजबूती का संकेत भी दे दिया है। हालांकि कम समय में मुख्यमंत्री को सभी को साथ लेकर चलना है, ऐसे में यह बात कितनी सही है, नहीं कहा जा सकता। हालांकि किच्छा को हैवीवेट और रुद्रपुर को तुलनात्मक रूप से कम तरजीह देने के पीछे कई चर्चाएं भी हैं।
इस संबंध में जब एक वरिष्ठ भाजपा नेता से बात की गई तो वह इशारे इशारे में बहुत कुछ कहते नजर आए। हालांकि उन्होंने साफ तौर पर कुछ नहीं बोला। चुनाव निकट हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री के एक एक कदम या फैसले की समीक्षा होना स्वाभाविक है। किसका नफ़ा और किसका नुकसान होगा, यह तो जल्द सामने आ ही जाएगा।