- रोजगार पर संकट बरकरार
एफएनएन, नई दिल्ली: लाकडाउन की पाबंदियों में धीरे-धीरे ढील दिए जाने के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था सामान्य स्थिति की तरफ लौटने के संकेत देने लगी है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कोरोना संकट की वजह से सबसे ज्यादा भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। लेकिन अक्टूबर महीने के पहले दिन से ही एक के बाद एक इकोनामी से जुड़ीं राहत देने वाली खबरें आई हैं। भारतीय अर्थव्यस्था अब कोरोनावायरस के प्रकोप से बाहर निकल रही है और पटरी पर वापस लौट रही है।
बिजली खपत में खासी बढ़ोतरी
बिजली की खपत में बढ़ोतरी से अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिलते हैं, और सितंबर महीने में बिजली की खपत में खासी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। देश की कुल बिजली खपत सितंबर में 5.6 फीसदी बढ़कर 113.54 अरब यूनिट्स रही। इसके पहले लगातार 6 महीने तक बिजली की कुल खपत में गिरावट दर्ज की गई थी।
औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी
बिजली की खपत में बढ़ोतरी होने का मतलब यह है कि कोरोना महामारी के बीच अब औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी लौट आई हैं। बिजली मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक पिछले साल सितंबर में 107.51 अरब यूनिट बिजली की खपत हुई थी। बिजली खपत में अप्रैल में 23.2 फीसदी, मई में 14.9 फीसदी, जून में 10.9 फीसदी, जुलाई में 3.7 फीसदी और अगस्त में 1.7 फीसदी गिरी थी।
सबसे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन
सरकार का खजाना धीरे-धीरे फिर से भरने लगा है। सितंबर में जीएसटी कलेक्शन में शानदार इजाफा हुआ है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार सितंबर में माल और सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन 95480 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल सितंबर के मुकाबले 4 फीसदी अधिक है. सितंबर-2019 में कुल जीएसटी कलेक्शन 91,916 करोड़ रुपये रहा था। इसके अलावा पिछले महीने यानी अगस्त के मुकाबले भी जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है। अगस्त में जीएसटी कलेक्शन 86,449 करोड़ रुपये रहा था। जुलाई में यह कलेक्शन 87,422 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था। सितंबर 2020 में नियमित निपटान के बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा अर्जित कुल राजस्व, सीजीएसटी के लिए 39,001 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 40,128 करोड़ रुपये है।
PMI करीब 9 साल के उच्च स्तर पर
मैन्युफैक्चरिंग के मोर्चे से भी अच्छी खबर आई है। PMI के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां साढ़े आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। देश में मैन्युफैक्चरिंग (विनिर्माण क्षेत्र) की गतिविधियों में सितंबर में लगातार दूसरे महीने सुधार हुआ है।
रोजगार पर बनी हुई है चिंता
रोजगार के मोर्चे पर सेवा क्षेत्र में लगातार सातवें महीने गिरावट रही है। सर्वेक्षण में कहा गया है जिन कंपनियों ने कामकाज में वृद्धि की बात कही है, उन्होंने लॉकडाउन के नियमों में ढील मिलने के साथ कारोबार शुरू होने के बारे में बताया। वहीं, जिन कंपनियों ने कारोबार में गिरावट की बात कही है उन्होंने कोरोनावायरस के कारण डिमांड कम होने की बात कही है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के सर्विस सेक्टर में नौकरियों की संख्या में गिरावट आई है।