Friday, March 29, 2024
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वजीर ए आला पर जांच : असहज भाजपा, सकते में सरकार, अब कैसे हो निराकार

  • उत्त्तराखण्ड के सीएम त्रिवेंद्र पर लगे आरोपों की सीबीआई जांच पर मची हलचल

एफएनएन, नैनीताल : हाईकोर्ट के आदेश ने भाजपा को असहज तो सीएम त्रिवेंद्र व राज्य सरकार की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। भाई विपक्षियों को  चुनाव से  पहले  सरकार और सीधे तौर पर  मुख्यमंत्री को घेरने का मुद्दा हाथ लग गया है। बता दें  कि न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने पूर्व में जेल जा चुके उमेश कुमार समेत अन्य पर राजद्रोह के मामले में दायर पुलिस रिपोर्ट को क्वेश करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह पर लगे भ्र्ष्टाचार के आरोपों की सीबीआई. जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने सीबीआई नई प्राथमिकी दर्ज करने को भी कहा है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सच सामने आना चाहिये। उधर, राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल करेगी। गौरतलब है कि झारखंड निवासी अमृतेश चौहान ने आरोप लगाया था कि उत्त्तराखण्ड गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनने के लिए उसने सीएम से जुड़े कुछ लोगों के खाते में लाखों रुपए डाले थे। यह मामला लगभग दो साल पुराना है। मीडिया कर्मी राजेश शर्मा, शिव सेमवाल ने इस मुददे पर सीएम त्रिवेंद्र व उनकी पत्नी की खबर प्रकाशित की । इस मामले को झूठ बताते रिटायर्ड प्रो, हरेंद्र रावत ने देहरादून नेहरू थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस जांच के बाद राजेश शर्मा, शिव सेमवाल, उमेश व अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 469, 471 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया था। बाद में सरकार की तरफ से इन लोगों के खिलाफ राजद्रोह का भी मुकदमा दायर किया गया था। जुलाई 2020 में राजेश शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाकी दोनों की हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। अमृतेश चौहान का कहना था कि उसने कई खातों में पैसे जमा कराए थे। इस मामले से जुड़े तथ्य भी कोर्ट के सामने पेश किए गए। हाईकोर्ट की एकल खण्डपीठ ने दर्ज एफआईआर को क्वेश करते हुए वरिष्ठ पत्रकार उमेश शर्मा द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर लगाए गए आरोपों की सीबीआई जांच करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश के बाद मंगलवार देर रात तक शासन स्तर पर विशेष हलचल देखी गयी। देर रात तक वरिष्ठ अधिकारी के मंथन करने की खबर है। सीएम पर लगे आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश से राज्य सरकार बैकफुट पर आ गयी है। बहरहाल, नैनीताल हाईकोर्ट के नए आदेश के बाद राज्य सरकार के वकील कोर्ट में क्या दलील देते हैं ,देखना अब यही है।  इधर इस मामले में विरोधियों को बैठे-बिठाए सरकार के खिलाफ मुद्दा मिल गया है। कांग्रेसियों ने सरकार पर तंज कसना शुरू कर दिए हैं और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग भी कर दी है।

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