नौ दिन से बंद है 376सी जौनेर रेलवे क्रासिंग, गेटमैन-पब्लिक में रोजाना हो रही भिड़ंत
दर्जन भर से ज्यादा गांवों के रोजाना 800 से ज्यादा वाहन आते-जाते हैं, लोग आक्रोशित
एफएनएन, मीरगंज, बरेली। हाईवे से जौनेर-ठिरिया ब्रह्मनान और आसपास के दर्जनों गांवों के मुख्य संपर्क मार्ग को रेल प्रशासन ने मनमाने ढंग से पिछले 9 दिन से अवैध रूप से बंद कर रखा है। गन्ना भरकर फैक्टरी ले जा रहे क्षेत्रीय काश्तकारों और सैकड़ों वाहन चालकों, आम यात्रियों को फाटक बंद रहने से कई किमी का चक्कर काटकर आना-जाना पड़ रहा है। फाटक खुलवाने को लेकर पब्लिक और गेटमैन के बीच रोजाना कई-कई बार नोकझोंक, तीखी झड़पें भी खूब हो रही हैं लेकिन विभागीय अफसर बेखबर हैं।
धनेटा-नगरिया सादात स्टेशनों के बीच स्थित रेलवे फाटक 370C को रेल प्रशासन ने मनमाना रवैया अपनाते हुए 3 नवंबर 2020 से बंद कर रखा है। फाटक के दोनों बैरियरों की लोहे की गरारी पर मोटी जंजीर में फंसे भारी-भरकम ताले चौबीसों घंटे लटके रहते हैं। बताते चलें कि ठिरिया ब्रह्मनान, जौनेर, गूला, सिंधौली, नरखेड़ा और आसपास के दर्जनों गांवों को दिल्ली-बरेली हाईवे और मीरगंज, बरेली से जोड़ने वाला यह प्रमुख संपर्क मार्ग है। गन्ना भरी दर्जनों ट्रेक्टर ट्रालियां, सब्जियां-धान वगैरह मंडियों में ले जाने वाले कई दर्जन डीसीएम, यात्रियों को ढोने वाले 50 से ज्यादा ई-रिक्शा और सैकड़ों मोटर साईकिल सवारों की आवाजाही का प्रमुख मार्ग पिछले नौ दिन से बंद होने से क्षेत्रवासियों को भारी मुश्किलात से जूझना पड़ रहा है। बंद गेट खुलवाने को लेकर ड्यूटी पर तैनात गेटमैन से लोगों की रोजाना कई-कई बार हुज्जत भी होती रहती है।
गेटमैन रईस अहमद ने पूछने पर बताया कि दोनों बैरियरों की गरारियां खराब हो गई हैं। गरारियों में फंसा लोहे का स्लिप हो जाने से बैरियर पहले तो ऊपर उठता ही नहीं है और कभी उठ भी जाय तो गरारियां स्लिप होने की वजह से ही ऊपर से गिर जाता है। काफी ऊंचाई से अचानक गिरे लोहे के भारी बैरियर की चपेट में आकर राहगीर घायल भी हो सकते हैं। लिहाजा हादसा टालने के मकसद से उच्चाधिकारियों के आदेश पर मरम्मत होने तक फिलहाल जौनेर रेलवे फाटक सं. 376C को बंद ही रखा जा रहा है। गेटमैन ने बताया कि फाटक 3 नवंबर से खराब है। नगरिया सादात के स्टेशन मास्टर और रेलवे इंजीनियरिंग/मेंटिनेंस विभाग के संबंधित अधिकारियों को 3 नवंबर को ही लिखित सूचना दे दी थी। उच्चाधिकारियों का आदेश मिलने पर ही फाटक खोला जा सकेगा।
रेल पथ निरीक्षको और इंजीनियरिंग-मेंटिनेंस सेक्शन के अधिकारियों से भी फोन पर संपर्क कर उनका पक्ष जानने की बहुतेरी कोशिश की गई लेकिन किसी का भी फोन नहीं उठा। बहरहाल रेल प्रशासन की लापरवाही भरी कार्यशैली का भारी खामियाजा इलाके के दर्जनों गांवों के किसानों, आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। क्षेत्रवासियों की तमाम शिकायतों पर भी रेल प्रशासन खराब फाटक की मरम्मत कराकर उसे फौरन चालू नहीं करा रहा है। समाजसेवी मनोज यदुवंशी, अरविंद यदुवंशी समेत दर्जनों जागरूक क्षेत्रवासियों ने रेल प्रशासन के बेहद गैरजिम्मेदाराना रवैये पर सख्त नाराज़गी जताते हुए व्यापक जनहित में नौ दिन से बंद पड़े रेलवे फाटक की मरम्मत कराकर फौरन खुलवाने का पुरजोर आग्रह किया है।
स्टेशन मास्टर बोले-हमने तो ऊपर भेज दी रिपोर्ट
गेटमैन की सूचना पर हमने तो उसी दिन मुरादाबाद कंट्रोल रूम और रेलवे के इंजीनियरिंग/मेंटिनेंस विभाग को लिखित रूप से अवगत करा दिया था। नौ दिन बाद भी ख़राब फाटक की मरम्मत क्यों नहीं कराई गई है, इस सवाल का जवाब तो रेल पथ निरीक्षक या इंजीनियर मेंटिनेंस ही दे सकेंगे।
अंकित बाबू
स्टेशन मास्टर
नगरिया सादात, मीरगंज