वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने पत्रकार वार्ता कर मामले का पर्दाफाश किया। एसएसपी के मुताबिक, वर्ष 2006 में संजीव बस्सी और पत्नी नविता बस्सी निवासी आदर्शनगर, किशननगर चौक ने राजपुर रोड पर एक ज्वेलरी शॉप खोली। करीब दो साल तक दुकान का संचालन करने के बाद आरोपितों ने किटी कमेटी शुरू कर दी। धीरे-धीरे किटी में लोग जुड़ने लगे। कुछ ही समय में आरोपितों की किटी में 600 लोग शामिल हो गए और उनके पास करीब 70 लाख रुपये जमा हो गए।
इसके बाद उन्होंने यह पैसे कारोबार में लगा दिए, जिसमें उन्हें अधिक लाभ नहीं हो सका। किटी में शामिल लोग जब पैसे वापस करने का दबाव बनाने लगे तो उन्होंने कई बार बहाने बनाकर उन्हें लौटाया। दबाव बढ़ने पर आरोपित दून छोड़कर सूरत चले गए। वर्ष 2008 में किटी में पैसे लगाने वाली महिला सुधा पटवाल ने रकम वापस न मिलने पर डालनवाला थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया।