- कमिश्नर और आईजी के आश्वासन पर माने परिवार वाले
एफएनएन, चित्रकूट : सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज नहीं होने से क्षुब्ध होकर आत्महत्या करने वाली दलित बच्ची का बुधवार को पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस घटना में लापरवाही बरतने के आरोप में कर्वी सदर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक जयशंकर सिंह और सरैयां पुलिस चौकी के प्रभारी उपनिरीक्षक अनिल साहू को निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) अंकित मित्तल ने बताया कि परिजनों की ‘सहमति’ से बुधवार दोपहर बाद बच्ची का अंतिम संस्कार किया गया। शुरुआत में बच्ची के परिजनों ने बहकावे में आकर अंतिम संस्कार से मना कर दिया था, लेकिन बांदा के मंडलायुक्त गौरव दयाल और पुलिस महानिरीक्षक के. सत्यनारायण के आश्वासन के बाद वे राजी हो गए। इस दौरान गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
सामूहिक बलात्कार और आत्महत्या के लिए बाध्य करने के आरोप में पूर्व ग्राम प्रधान के बेटे किशन उपाध्याय और उसके साथी आशीष व सतीश को मंगलवार की शाम गिरफ्तार कर लिया गया, वहीं लापरवाही बरतने के आरोप में कर्वी सदर कोतवाली के इंस्पेक्टर जयशंकर सिंह और संबंधित पुलिस चौकी के प्रभारी उपनिरीक्षक अनिल साहू को बुधवार को निलंबित कर दिया गया। पोस्टमॉर्टम में मौत की वजह फंदे से लटकना बताया गया है. इसमें बलात्कार की पुष्टि नहीं होने पर नमूनों को जांच के लिए लखनऊ भेजा गया है।गौरतलब है कि आठ अक्टूबर को जंगल में कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म की शिकार दलित किशोरी ने मंगलवार को अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में पीड़िता के पिता ने पुलिस पर मामला दर्ज नहीं करने का आरोप लगाया था, जिसपर पुलिस ने सफाई पेश करते हुए कहा कि उन्हें तहरीर नहीं मिला. हालांकि, किशोरी की मौत के बाद पुलिस ने आनन-फानन में सामूहिक दुष्कर्म, आत्महत्या के लिए बाध्य करना, अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 (एससीएसटी) और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्जकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।