एफएनएन, जम्मू-कश्मीर : जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद यह पहला मौका है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के साथ बातचीत करेंगे। गुरुवार को हो रही इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के 4 पूर्व सीएम व 4 पूर्व डिप्टी सीएम सहित 14 नेता भाग लेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बैठक में मौजूद रहेंगे।
कश्मीरी नेताओं ने नहीं किया एजेंडे का खुलासा
गुपकार समझौते में शामिल नेताओं ने बैठक से पहले अपने एजेंडे के बारे में ज्यादा ज्याा जानकारी नहीं दी है। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा, ”वे खुलकर अपनी बात रखेंगे। हम आपको यकीन दिलाना चाहते हैं कि हम आसमान के तारे नहीं मांगेंगे। हम वही मांगेंगे, जो हमारा था और हमारा ही रहना चाहिए।” गुपकार नेताओं द्वारा कही गई यह बात उनके एजेंडे की तरफ इशारा करती है।
इस बैठक की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय खुद इसकी रूपरेखा तैयार करने में जुटा रहा। किस नेता को बैठक में बुलाना है और किसे नहीं, ये सब पीएमओ ने तय किया है। बैठक के लिए पहली फोन कॉल पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती के पास आई थी। उसके बाद इस बैठक की खबर मीडिया में आई।
पीएम संग बैठक में ये नेता होंगे शामिल
पीएम मोदी संग बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला मौजूद रहेंगे। पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद, मुजफ्फर हुसैन बेग, डॉ. निर्मल सिंह और कवींद्र गुप्ता भी प्रधानमंत्री के सामने बैठेंगे। ‘जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी’ के चेयरमैन सैयद अल्ताफ बुखारी, प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख जीए मीर, पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन, पैंथर्स पार्टी के प्रो. भीम सिंह और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (माकपा) के नेता मोहम्मद युसुफ तारीगामी ने बैठक में शामिल होने के लिए अपनी सहमति दी है। शुरुआत में गुपकार नेताओं को पीएम की बैठक में बुलाने का विरोध करने वाले भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रवींद्र रैना भी मौजूद रहेंगे।