Friday, April 19, 2024
spot_img
spot_img
spot_img
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
spot_img
Homeराज्यउत्तराखंडनैनीताल हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा - कोविड की लहर से...

नैनीताल हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा – कोविड की लहर से निपटने की कोई व्यवस्था नहीं, क्या बच्चों को मरने के लिए छोड़ दें

एफएनएन, नैनीताल : नैनीताल हाईकोर्ट ने कोविड की तीसरी लहर को लेकर सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। न्यायालय ने कहा कि क्या लोग अपने बच्चों को मरने के छोड़ दें। तीसरी लहर से बचने के लिए क्या तैयारी है। इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव को भी तमाम सवालों का सामना करना पड़ा। हाईकोर्ट में सच्चिदानंद डबराल व अन्य की जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने चारधाम यात्रा और कैची मंदिर को खोले जाने को लेकर सरकार से बहुत तीखे सवाल किए। आज खंडपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, सचिदानंद डबराल, अनू पंत, रवीन्‍द्र जुगरान, डीके जोशी व अन्य की अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई। कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी से पूछा कि जब केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए अमरनाथ यात्रा को रद्द किया हुआ है तो आप चारधाम यात्रा को शुरू करने को लेकर इतने उतावले क्यों हैं। आपके द्वारा जारी आदेशो का आप खुद पालन नहीं करवा पा रहे हैं । गंगा दशहरा पर आपने हरिद्वार में रोक लगाई थी फिर भी वहां पर हजारों की भीड़ जमा थी जो ना तो सोसियल डिस्टेंसिंग पालन कर रहे थे और ना ही लोगों ने मास्क पहने हुए थे। ये सब हमें समाचार पत्रों से ज्ञात हुआ है। आप सिर्फ आदेश जारी कर रहें हैं आदेशों का पालन नहीं करवा पा रहें हैं । ऐसा ही कुछ केदारनाथ में भी हो रहा है । तीसरी वेव को लेकर भी आपकी तैयारी पूरी नहीं है आपके पास मेडिकल सुविधाएं भी पूर्णतया नहीं है । आपकी तैयारी कुछ भी नहीं जबकि तीसरी वेव आने में कुछ हफ्ते ही बाकी है । आपके पास ब्लेक फंगस से निपटने के लिए भी पूरे वायल नहीं और ना ही जनसंख्या के अनुपात में वेंटिलेटर ही है जो हैं वे भी अधिकतर खराब है ।

अदालत ने कहा कि डेल्टा वैरिएंट एक महीने में पूरे देश में फैल गया था और डेल्टा प्लस वैरिएंट को फैलने में तीन महीने भी नहीं लगेंगे। ऐसे में हमारे बच्चों को बचाने के लिए आप लोग क्या कर रहे हैं। आप सोच रहे हैं कि डेल्टा प्लस वैरियंट आपकी तैयारियां पूरी होने का इंतजार करेगा। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, सचिदानंद डबराल, अनू पंत, रवीन्‍द्र जुगरान, डीके जोशी व अन्य की अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई। कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव के तीसरी लहर को लेकर बच्चों के लिए तीन महीने तक विटामिन सी और जिंक आदि की दवाएं देने की दलील पर तीखी फटकार लगाई। चीफ जस्टिस ने कहा कि आप बच्‍चों को ये दवा कब खरीद कर देंगे? जब तीसरी लहर आ जाएगी, तब दवाएँ खरीदने की प्रकिया पूरी करेंगे। जिस जीओ को अगले हफ्ते या 30 जून तक जारी करने की बात कह रहे हैं वो जीओ कल क्यों नहीं जारी हो सकता आज शाम पांच बजे तक जारी क्यों नहीं हो सकता? हाई कोर्ट ने कहा कि जब महामारी में वॉर फूटिंग पर काम करने की ज़रूरत है, तब आप लोग ब्यूरोक्रेटिक बाधा पैदा कर काम को बोझिल बनाकर देरी कर रहे हैं।

हाई कोर्ट ने कहा कि देहरादून में तीसरी लहर से लड़ने को बच्चों के लिए आपके पास 10 वेंटिलेटर हैं, बताइए 80 बच्चे क्रिटिकल हो गए तो 70 बच्चों को मरने के लिए छोड़ देंगे? कोर्ट ने कहा कि एफिडेविट में आपने माना है कि रुद्रप्रयाग में 11 वेंटिलेटर हैं जिसमें नौ ख़राब हैं। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कोर्ट ने सिर्फ़ ज़िला अस्पतालों की डिटेल माँगी थी हमारे पास मेडिकल कॉलेजों व निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर-आईसीयू के और इंतज़ाम हैं। कोर्ट ने कहा आपको जानकारी देने से किसने रोका है!

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

CommentLuv badge

Most Popular

Recent Comments