- दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को उपराज्यपाल ने दी वर्क फ्रॉम होम की मंजूरी
- निजी संस्थानों से भी अपील, 31 दिसंबर तक लागू रहेगी नई व्यवस्था
एफएनएन, दिल्ली : कोरोना संक्रमण से बचने के लिए दिल्ली सरकार का 50 फीसदी स्टाफ अब सरकारी दफ्तरों में मौजूद रहेगा। बचा आधा स्टाफ वर्क फ्रॉम होम पर रहेगा। दिल्ली सरकार के इससे जुड़े एक प्रस्ताव को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शनिवार देर रात मंजूरी दे दी। साथ ही कॉरपोरेट समेत निजी नियोक्ताओं से अपील की गई है कि वह भी इस नियम का पालन करें। हालांकि, यह नियम स्वास्थ्य, स्वच्छता, पुलिस, जलापूर्ति सरीखी बेहद जरूरी सेवाओं पर लागू नहीं होगा।
इससे पहले कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने प्रस्ताव तैयार किया था कि सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखने के लिए 50 फीसदी स्टाफ को ही दफ्तर बुलाया जाए। बाकी 50 फीसदी कर्मचारी घर से काम करें जबकि अभी तक सरकार के सारा स्टाफ दफ्तर आ रहा था। प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से 25 नवंबर को जारी किए गए दिशा-निर्देश पर आधारित था, जिसके तहत सरकारी दफ्तरों में सीमित स्टाफ के साथ काम करने को कहा गया था। सरकार के इस प्रस्ताव को उपराज्यपाल ने शनिवार देर रात मंजूरी दे दी। सोमवार से सरकारी दफ्तरों में नई व्यवस्था लागू हो जाएगी।
नए नियमों के तहत दिल्ली सरकार के ग्रेड-एक और उच्च अधिकारियों को छोड़कर बाकी स्टाफ को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी गई है। विभाग प्रमुख सुनिश्चित करेंगे कि 50 फीसदी स्टाफ को ही ऑफिस बुलाया जाए। हालांकि, इसके दायरे से जरूरी सेवाओं में लगे कर्मचारियों को बाहर रखा गया है। यह व्यवस्था 31 दिसंबर तक लागू रहेगी। अगर स्थिति में कुछ बदलाव होता है तो सरकार नया आदेश जारी करेगी।