एफएनएन,रुद्रपुर : बच्चों द्वारा की जा रही या उनसे करायी जा रही भिक्षावृत्ति की प्रभावी रोकथाम, जनता द्वारा बच्चों को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जागरूक करने व भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के पुनर्वास हेतु डीजीपी अशोक कुमार के निर्देशन में पूर्व से प्रचलित अभियान “ऑपरेशन मुक्ति” प्रदेश के समस्त जनपद में 1 मार्च से 30 अप्रैल तक “भिक्षा नहीं, शिक्षा दो” व एजुकेट ए चाइल्ड की टैग लाईन के साथ पुनः चलाया जा रहा है। 1 मार्च से प्रचलित उक्त अभियान में क्षेत्राधिकारी अमित कुमार को नोडल अधिकारी नामित कर जनपद स्तर पर कुल 4 टीमों का गठन किया गया है। 1 टीम एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल तथा 3 टीमें जनपद पुलिस की गठित की गई है ।प्रत्येक टीम में एक प्रभारी उपनिरीक्षक व चार कांस्टेबल व एक महिला कांस्टेबल को नियुक्त किया गया है। उक्त अभियान के संबंध में पुलिस कार्यालय के सभागार में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें उपरोक्त टीमों के अतिरिक्त विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गयाIअभियान का उद्देश्य विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के साथ इंटीग्रेटेड ड्राइव चलाकर प्रभावी इंफोर्समेंट के माध्यम से बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति की प्रभावी रोकथाम करना, जनता को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जागरूक करना व भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों का पुनर्वास हेतु नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किया जाना है। यह अभियान 3 चरणों में चलाया जाएगा जिसके प्रथम चरण में 1 मार्च से 15 मार्च तक के अन्तर्गत भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों व उनके परिजनों का विवरण तैयार कर सम्बन्धित विभागों से समन्वय कर बच्चों का स्कूल/डे केयर में दाखिला किये जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जाएगी। दूसरे चरण में 16 मार्च से 31 मार्च तक समस्त स्कूल, काॅलेजों, सार्वजनिक स्थानों, महत्वपूर्ण चोराहों, सिनेमाघरों, बस व रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों, सम्पूर्ण कुम्भ क्षेत्र सहित महत्वपूर्ण स्थानों पर बच्चों को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस सम्बन्ध में सोशल मीडिया का भी उपयोग किया जाएगा। साथ ही भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के परिजनों को भिक्षावृत्ति न करने व कौशल विकास के सम्बन्ध में जागरूक किया जाएगा। और तीसरे चरण में1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक अन्तर्गत भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को भिक्षावृत्ति से हटाकर उनकी एवं उनके परिजनों की काॅउन्सलिंग। बच्चों के पुनः भिक्षावृत्ति में लिप्त पाये जाने पर उनके परिजनों के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत करने की कार्यवाही तथा किसी भी प्रकार का संदेह होने पर DNA टेस्ट की कार्यवाही की जाएगी।