Saturday, April 20, 2024
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Homeराज्यउत्तराखंडपर्यटकों की आवक से गुलजार हो रहा नंधौर अभ्यारण्य

पर्यटकों की आवक से गुलजार हो रहा नंधौर अभ्यारण्य

  •  जंगल सफारी कर वन्यजीवों को देख रहे हैं पर्यटक
एफएनएन, टनकपुर : नए साल की शुरूआत के साथ ही यहां स्थित नंधौर अभ्यारण्य पर्यटकों की आवक से गुलजार हो रहा है। पर्यटक जंगल सफारी कर जानवरों के दीदार कर रहे हैं और रोमांचित हो रहे हैं। पर्यटक यहां शारदा नदी में राफ्टिंग के रोमांच से भी रूबरू हो रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में सैकड़ों लोग नंधौर अभ्यारण्य की सैर कर चुके हैं। साथ ही मां पूर्णागिरि के दर्शनों का लाभ उठाने के साथ ही राफ्टिंग कर शारदा नदी की लहरों का रोमांच भी अनुभव कर चुके हैं। मालूम हो कि जिम कार्बेट पार्क की तर्ज पर नंधौर वन्यजीव अभ्यारण की स्थापना वर्ष 2012 में हुई, लेकिन तीन साल पूर्व क्षेत्रीय विधायक कैलाश गहतोड़ी की पहल पर तत्कालीन डीएफओ डॉ. चंद्रशेखर सनवाल ने दिसंबर 2017 में अभ्यारण के टनकपुर गेट से जंगल सफारी शुरू कराई। स्थापना के तीन सालों में विकसित हुए अभ्यारण की तरफ अब पर्यटकों का आकर्षण लगातार बढ़ रहा है। देश के कोने-कोने से मां पूर्णागिरि धाम के दर्शन को आ रहे श्रद्धालु तीर्थाटन के साथ ही शारदा में राफ्टिंग और अभ्यारण में जंगल सफारी का भी आनंद उठा रहे हैं। कोरोना संक्रमण की घटती रफ्तार के बीच नए साल से पर्यटकों की चहल-कदमी बढ़ने लगी है। नेचर गाइड सौरभ कलखुड़िया के मुताबिक साल शुरूआती ‌सप्ताह में अलग-अलग क्षेत्र से आए सौ से अधिक पर्यटक अभ्यारण में जंगल सफारी कर चुके हैं। नंधौर वन्यजीव अभ्यारण के टनकपुर गेट से जंगल सफारी कर रहे पर्यटकों को कुलाचे मारते हिरनों के झुंड, बाघ, तेंदुए, हाथी, वन बिलाव, लोमड़ी, धारीदार लक्कड बग्गा, भालू, बिज्जू, उद बिलाव, सुअर, सेही, खरा, कांकड, सांभर, बारहसिंगा के साथ रंग-बिरंगी चिड़िया देखने को तो मिलते ही हैं कभी कभार शेर के दीदार भी हो जाते हैं। नेचर गाइड सौरभ कलखुड़िया ने बताया कि गर्मी में पयालन कर गई रंग-बिरंगी दुर्लभ चिड़िया और पक्षी ठंड में वापस अभ्यारण में लौट चुके हैं। पर्यटकों के दल ने नंधौर अभ्यारण में जंगल सफारी का लुत्फ उठाने के साथ ही कुमाऊंनी व्यंजनों का स्वाद भी चखते हैं। पर्यटकों को जंगल सफारी करने के साथ ही सैनापानी स्थित वन विभाग के अतिथि गृह में विश्राम कर कुमाऊंनी व्यंजन चावल की रोटी, भांग की चटनी, लकड़ी के चूल्हे में पकाई रोटियों का स्वाद चखने को मिलता है।
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