एफएनएन, देहरादून : कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच 21 अप्रैल तक चलने वाले चैत्र नवरात्र आज मंगलवार से शुरू हो रहे हैं। कोरोना को देखते हुए दून के विभिन्न मंदिरों में मुख्यद्वार पर श्रद्धालुओं के लिए सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। मंदिर समिति और पंडितों ने मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं से शारीरिक दूरी बनाकर पूजा करने, पैकेट के रूप में प्रसाद एक जगह पर चढ़ाने, बच्चों, गर्भवती और बुजुर्गों को मंदिर में पूजा के लिए न आने की अपील की है। इसी क्रम में कुछ मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक करने के लिए स्टीकर भी चस्पा किए गए हैं। बीते वर्षों की तरह कई मंदिरों को लड़ियों से सजाया गया है।
इस तरह है शहर के मंदिरों में तैयारी
सिद्धपीठ डाटकाली मंदिर में श्रद्धालुओं से शारीरिक दूरी का पालन करने की अपील के लिए मंदिर परिसर में स्टीकर चस्पा किए हैं। गढ़ी कैंट स्थित मां वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर के संस्थापक आचार्य बिपिन जोशी ने बताया कि मंदिर में आने वालों को पूजा के लिए 20-20 की संख्या में प्रवेश दिया जाएगा। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए एक सदस्य की ओर से की गई पूजा संपूर्ण परिवार की ओर से की गई पूजा के समान है। सहारनपुर चौक स्थित पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर सेवादल के सदस्य संजय गर्ग ने बताया कि प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करने के साथ ही मंदिर परिसर को सैनिटाइज किया गया है। मंदिर में श्रद्धालु पांच-पांच की संख्या में पूजा करेंगे। इस व्यवस्था को बनाने के लिए जगह-जगह सेवादार तैनात रहेंगे। सर्वे चौक स्थित दुर्गा मंदिर के पंडित बालकृष्ण शास्त्री ने बताया कि मंदिर में होने वाले भव्य आयोजन स्थगित कर दिए हैं। आराघर चौक स्थित हनुमान मंदिर के पंडित पंडित विष्णुप्रसाद शास्त्री ने बताया कि मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ कम से कम हो, इसके दोनों गेट खुले रहेंगे। एक ओर से प्रवेश कर पूजा करने के बाद श्रद्धालु दूसरे गेट से वापस जा सकेंगे। प्राचीन स्वार्गापुरी देवी मंदिर निरंजनपुर के पंडित मनोज उनियाल ने बताया कि जो लोग प्रसाद, चुनरी, नारियल व फूल-मालाएं लाएं, उन्हें बाहर ही रखवा लिया जाएगा।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 5:28 व 11:56 पर होगा शुरू
नवरात्र के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा होगी। वहीं, घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 5:28 से 10:14 मिनट, जबकि दूसरा दोपहर 11:56 से 12:47 बजे तक रहेगा। आचार्य डॉ. सुशांत राज के मुताबिक इस साल चैत्र नवरात्र मंगलवार से शुरू हो रहे हैं। इसलिए मां की सवारी अश्व यानी घोड़ा मानी जाएगी। मान्यता है कि नवरात्र के दौरान मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करने से आशीर्वाद बना रहता है।
इस तरह करें घटस्थापना
सबसे पहले मिट्टी को चौड़े मुंह वाले बर्तन में रखें और उसमें सप्तधान्य बोएं। अब उसके ऊपर कलश में जल भरें और उसके ऊपरी भाग (गर्दन) में कलावा बांधें। आम या अशोक के पत्तों को कलश के ऊपर रखें। नारियल में कलावा लपेटें। उसके बाद नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश के ऊपर और पत्तों के मध्य रखें। घटस्थापना पूरी होने के बाद मां दुर्गा का आह्वान करें।
दुर्गा के इन रूपों की होगी पूजा
- 13 अप्रैल- प्रतिपदा- मां शैलपुत्री पूजा और घटस्थापना
- 14 अप्रैल- द्वितीया- मां ब्रह्मचारिणी पूजा
- 15 अप्रैल- तृतीया- मां चंद्रघंटा पूजा
- 16 अप्रैल- चतुर्थी- मांकुष्मांडा पूजा
- 17 अप्रैल- पंचमी- मां स्कंदमाता पूजा
- 18 अप्रैल- षष्ठी- मां कात्यायनी पूजा
- 19 अप्रैल- सप्तमी- मां कालरात्रि पूजा
- 20 अप्रैल- अष्टमी- मां महागौरी
- 21 अप्रैल- नवमी- मां सिद्धिदात्री, रामनवमी