Friday, March 29, 2024
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नप सकते हैं ऊधमसिंह नगर जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष और जीएम समेत कई अधिकारी, भर्ती घोटाले में अब कार्रवाई की तैयारी

एफएनएन, रुद्रपुर : उत्तराखंड के तीन जिला सहकारी बैंकों में हुए भर्ती घोटाले में अब कार्रवाई का वक्त आ गया है। दूसरे चरण की जांच पूरी होने के बाद कई खामियां सामने आई हैं। जांच में पता लगा है कि इन बैंकों ने चयन प्रक्रिया में अपने स्तर पर ही कई बड़े बदलाव कर दिए। इनमें बैंक के अध्यक्षों के साथ ही महाप्रबंधक और कई जिलों के सहायक निबंधक तक शामिल हैं। घोटालों की फेहरिस्त में ऊधमसिंह नगर का भी नाम जुड़ा हुआ है, ऐसे में यहां भी इस बैंक के अध्यक्ष, महाप्रबंधक और कई अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है।

आपको बताते चलें कि Front news network ने सबसे पहले इस मामले को उठाया था, जिस पर खानपुर से विधायक उमेश कुमार ने सीधे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को टैग करते हुए अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। नतीजा यह हुआ कि शासन ने इस मामले में गंभीरता बरती और कार्रवाई शुरू की गई। देहरादून, यूएसनगर, पिथौरागढ़ में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती घोटाले की बात सामने आई थी, जिसकी जांच उपनिबंधक नीरज बेलवाल और मान सिंह सैनी को दी गई थी। समिति की लंबी जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आई।

कार्रवाई से पूर्व शासन ने जांच समिति को संबंधित लोगों का पक्ष जानने की भी निर्देश दिए थे, दूसरे चरण की जांच भी की गई और इन बैंकों के अध्यक्ष जीएम व सहायक निबंधक से भी पूछताछ हुई। समिति की ओर से उठाए गए सवालों पर भी उनका पक्ष जाना गया। तीनों बैंकों के प्रतिनिधियों ने पिछले दिनों जांच समिति को अपना लिखित जवाब सौंप दिया। जवाब की पड़ताल के बाद जांच समिति ने फाइनल रिपोर्ट तैयार कर ली है।संभावना व्यक्त की जा रही है कि जल्द ही रिपोर्ट शासन को सौंप दी जाएगी। सचिव सहकारिता बीवीआर पुरुषोत्तम का भी कहना है कि रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

सूत्रों की माने तो जांच समिति को दिए अपने जवाब में चयन समिति के प्रतिनिधियों ने भी कई बिंदुओं पर अपनी खामियां कबूली हैं। दरअसल कई बैंकों ने चयन प्रक्रिया में अपने स्तर पर ही बड़े बदलाव कर दिए थे। इसका सीधा असर चयन पर पड़ा। मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी की गई। सूत्रों के अनुसार फाइनल रिपोर्ट में विस्तार से इसका जिक्र किया गया है।

माना जा रहा है कि फाइनल रिपोर्ट होने के बाद इन बैंकों के अध्यक्ष, जीएम और कई जिलों के सहायक निबंधक तक कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं। इन अधिकारियों ने चयन के साथ ही आचार संहिता के दौरान अपने स्तर पर जॉइनिंग में करा दी थी। यह माना जा रहा है कि भर्ती को भी निरस्त किया जा सकता है।

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