Saturday, September 30, 2023
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Homeराष्ट्रीयप्रधानमंत्री ने किया अटल टनल सुरंग का उद्घाटन, जानिए क्या हैं खूबियां

प्रधानमंत्री ने किया अटल टनल सुरंग का उद्घाटन, जानिए क्या हैं खूबियां

एफएनएन, मनाली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में ऐतिहासिक अटल टनल सुरंग का उद्घाटन कर देश को समर्पित किया। समुद्र तल से 10,000 फीट ऊंचाई में बनी यह सुरंग लेह को मनाली से जोड़ती है। यह सुरंग भारत और चीन की सीमा से ज्यादा दूर नहीं है इसलिए रणनीतिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना पर तैनात हमारे जवानों के लिए राशन, सप्लाई और अन्य लाजिस्टिक्स सप्लाई करने में आसानी होगी। पीएम मोदी ने कहा कि वाजपेयी सरकार जाने के बाद इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। उन्होंने कहा, साल 2002 में अटल जी ने इस टनल के लिए अप्रोच रोड का शिलान्यास किया था।

क्या है खूबी

अटल टनल दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग टनल है। यह 9.02 किलोमीटर लंबी है। इस टनल से पूरे साल मनाली कोलाहौल-स्पीति घाटी जुड़ी रहेगी। इससे पहले यह घाटी भारी बर्फबारी के कारण लगभग 6 महीने तक अलग-थलग रहती थी। यह टनल हिमालय की पीर पंजाल श्रृंखला में औसत समुद्र तल (एमएसएल) से 3,000 मीटर यानी 10,000 फीट की ऊंचाई पर बनाई गई है। यह टनल मनाली और लेह के बीच सड़क की दूरी 46 किलोमीटर कम करती है और दोनों स्थानों के बीच लगने वाले समय में भी लगभग 4 से 5 घंटे की बचत करती है। टनल के भीतर सेमी ट्रांसवर्स वेंटिलेशन सिस्टम होगा। यहां किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तमाम व्यवस्था भी की गई है। टनल के भीतर सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया गया है। दोनों ओर एंट्री बैरियर रहेंगे। हर डेढ़ सौ मीटर पर आपात स्थिति में संपर्क करने की व्यवस्था होगी। हर 60 मीटर पर आग बुझाने का संयंत्र होगा। इसके अलावा हर ढाई सौ मीटर पर दुर्घटना का स्वयं पता लगाने के लिए सीसीटीवी का इंतजाम भी किया गया हैं. यहां हर एक किलोमीटर पर हवा की क्वालिटी जांचने का भी इंतजाम है।

फौजियों को मिलेगा फायदा

इस टनल के बनने से सबसे ज्यादा फायदा लद्दाख में तैनात फौजियों को मिलेगा इससे सर्दियों में भी हथियार और रसद की आपूर्ती आसानी से हो सकेगी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस टनल के अंदर कोई गाड़ी ज्यादा से ज्यादा 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकेगा। इसे बनाने की शुरुआत 28 जून 2010 को हुई थी। जानकारी के मुताबिर ये टनल इस तरह बनाई गई हैं कि इसके अंदर से एक बार में 3 हजार कारें 1500 ट्रक एक साथ निकल सकते है। इसे बनाने में करीब 4 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।

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