Thursday, April 25, 2024
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Homeराज्यउत्तराखंडपूर्व सांसद डीपी यादव को हाई कोर्ट से राहत, रिहा करने के...

पूर्व सांसद डीपी यादव को हाई कोर्ट से राहत, रिहा करने के आदेश, विधायक की हत्या में हुई थी आजीवन कारावास

एफएनएन, देहरादून : नैनीताल हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता डीपी यादव को गाजियाबाद जिले में दादरी के विधायक महेन्द्र भाटी हत्याकांड में बरी कर दिया। हाई कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के 2015 के फैसले को पलटते हुए यादव को बरी किया है। सीबीआई कोर्ट ने छह साल पहले यादव को दादरी के विधायक रहे महेंद्र भाटी की हत्या के केस में दोषी करार देकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 13 सितम्बर 1992 को गाजियाबाद के विधायक रहे महेंद्र भाटी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में डीपी यादव, परनीत भाटी, करन यादव व पाल सिंह उर्फ लक्कड़ पाला पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। 15 फरवरी 2015 को देहरादून की सीबीआई कोर्ट ने चारों को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस आदेश के खिलाफ चारों अभियुक्तों द्वारा विशेष अपील के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में पूर्व सांसद डीपी यादव की अपील फैसला सुनाया। कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को निरस्त कर दिया। डीपी यादव के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं पाते हुए उन्हें रिहा कर दिया है। डीपी यादव अभी अतंरिम जमानत पर थे। कोर्ट ने इस हत्याकांड के अन्य आरोपियों की अपीलों में निर्णय सुरक्षित रखा है।

  • उत्तर प्रदेश का था बेहद चर्चित मामला
    उत्तर प्रदेश का यह बेहद चर्चित मामला था। जब सांसद रहे डीपी यादव पर उनके राजनीतिक गुरु महेंद्र भाटी की हत्या का आरोप लगा था। 13 सितंबर 1992 को दादरी में रेलवे स्टेशन में विधायक महेंद्र भाटी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
  • करन यादव को मिली थी शॉर्ट टर्म बेल
    वहीं पिछले माह नैनीताल हाईकोर्ट ने गाजियाबाद के विधायक महेंद्र भाटी हत्याकांड के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे करन यादव को एक माह की शॉर्ट टर्म बेल दी थी। मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई थी। करन यादव ने हाईकोर्ट में प्रार्थनापत्र दायर कर कहा था कि उनकी पत्नी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उनका लंबे समय से दिल्ली एम्स में इलाज चल रहा है। पत्नी की देखभाल के लिए उसे एक माह की शॉर्ट टर्म बेल दी जाए। इस पर कोर्ट ने करन को पत्नी की तीमारदारी के लिए एक माह की शॉर्ट टर्म बेल दी थी।
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