- धरना-प्रदर्शन को पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ के नेतृत्व में बहुत से कांग्रेसियों का भी मिला सक्रिय समर्थन*
- *घंटों इंतजार के बाद भी डीएम धरना स्थल पर नहीं पहुंचीं तो गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने फाड़ दिया ज्ञापन*
*एफएनएन, रुद्रपुर:* भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) कार्यकर्ताओं ने सोमवार को रुद्रपुर के गांधी पार्क में जोरदार नारेबाजी के बीच घंटों उग्र विरोध प्रदर्शन किया और किसान विरोधी तीनों कृषि बिलों को व्यापक किसान हित में फौरन वापस लेने की मांग दोहराई। पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ के नेतृत्व में बहुत से कांग्रेसियों ने भी धरना स्थल पर पहुंंचकर भाकियू के आंदोलन को पार्टी का सक्रिय समर्थन दिया। घंटों इंतजार के बाद डीएम के धरना स्थल पर नहीं पहुंचने पर प्रदर्शनकारी इतने क्षुब्ध हो गए कि उन्होंने एडीएम को देने के बजाय उन्हीं के सामने ज्ञापन फाड़कर फेंक दिया।
कई दर्जन भाकियू कार्यकर्ता सोमवार सुबह तय कार्यक्रम के मुताबिक रुद्रपुर के गांधी पार्क में पहुंचे और किसान विरोधी तीनों कृषि बिलों की फौरन वापसी की मांग को लेकर मोदी सरकार के विरुद्ध जोरदार नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। धरना तीन घंटे से ज्यादा चला।
धरना स्थल पर किसान-मजदूरों की विशाल सभा को संबोधित करते हुए भाकियू जिलाध्यक्ष प्रेम सिंह सहोता ने तीनों बिल वापस लेने कृषि उपजों की एमएसपी की कानूनी गारंटी देने, एमएसपी से कम कीमत पर फसल खरीदने वालों को कड़ी सजा सुनिश्चित कराने, बाजपुर में किसानों की जमीन खरीदने और उसके हस्तांतरण पर लगी रोक को हटाने की सरकार से पुरजोर मांग की।
सभा में ज्ञानी शीतल सिंह बड़वाल, दर्शन सिंह देओल, बलवंत कुमार, देशराज, पारले मजदूर संघ अध्यक्ष प्रमोद तिवारी, दिनेश चंद्र, विरेंद्र पटेल इंटरार्क मजदूर संघ, श्रमिक संयुक्त मोर्चा, संजीव चौधरी, बल्देव सिंह सहोता, जागीर सिंह, दीदार सिंह आदि ने भी मोदी सरकार पर तीखे प्रहार किये।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता, पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ के नेतृत्व में बहुत से कांग्रेसियों ने भी धरनास्थल पर पहुंचकर भाकियू प्रदर्शनकारियों को सक्रिय समर्थन देकर उनका हौसला बढ़ाया।
पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ ने मोदी सरकार पर दर्जन भर चहेते पूंजीपतियों की गोद में बैठकर उन्हीं के इशारे पर नाचने और अन्नदाता की पीढियों को उन्हीं का गुलाम बनाकर छोड़ने का तीखा इल्जाम लगाया। धरने में कांग्रेस प्रदेश महामंत्री हिमांशु गाबा, पूर्व पालिकाध्यक्ष मीना शर्मा, पूर्व मंडी अध्यक्ष अरुण कुमार पांडेय, पूर्व दर्जा मंत्री हरीश पनेरू, महानगर अध्यक्ष जगदीश तनेजा, महानगर महामंत्री अमनदीप विर्क आदि ने भी विचार रखे और मोदी सरकार को जमकर कोसा।
बाद में किसान लामबंद होकर कांग्रेसियों के साथ प्रधानमंत्री को संबोधित छह सूत्रीय ज्ञापन देने कलक्ट्रेट पहुंचे लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी डीएम रंजना राजगुरु ज्ञापन लेने खुद नहीं आईं बल्कि एडीएम जगदीश कांडपाल को भेज दिया। इस पर प्रदर्शनकारी आगबबूला हो उठे और ज्ञापन एडीएम को देने के बजाय उन्हीं के सामने फाड़कर फेंक दिया।