एफएनएन, रुद्रपुर : मलिन बस्तियों पर मालिकाना हक की झूठी पोटली एक बार फिर नेताओं ने जनता के सामने खोल दी है। दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने नजूल भूमि पर मालिकाना हक की घोषणा कर दी है जबकि कानूनी रूप से यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
नजूल भूमि पर मालिकाना हक को लेकर लंबे समय से लड़ाई लड़ी जा रही है। हर चुनाव में मालिकाना हक का मामला मुद्दा बनता है और घोषणाओं के जरिए जनता के वोट ले लिए जाते हैं। इस बार भी कुछ ऐसे ही हो रहा है। विधानसभा चुनाव निकट है, ऐसे में एक बार फिर नेताओं ने नजूल भूमि पर मालिकाना हक कर राग अलापना शुरू कर दिया है। आज एक घोषणा के जरिए फिर जनता को मूर्ख बनाने की कोशिश की जा रही है, दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मलिन बस्तियों पर मालिकाना हक के साथ ही इन बस्तियों के सौंदर्यीकरण की घोषणा कर दी है, जबकि कानूनी रूप से देखें तो ऐसा संभव नहीं है। इसके लिए पहले विधिक प्रक्रिया से गुजरना होगा। मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, ऐसे में घोषणा नहीं की जा सकती है, जबकि इसकी आड़ में रुद्रपुर के नेता और उनके समर्थक श्रेय लेने में जुड़ गए हैं। शहर में होर्डिंग और बैनर लगाए जाने का भी पता लग रहा है। वहीं छुटभैया नेता भी अपने प्रिय नेता को श्रेय देने में जुट गए हैं , लेकिन बड़ा सवाल यह है कि बार-बार घोषणाओं के नाम पर जनता को कब तक बेवकूफ बनाया जाता रहेगा।