- तीन हजार शिक्षामित्रों के आत्महत्या कर लेने का किया दावा
एफएनएन, मीरगंज, बरेली: उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ की ओर से प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनीकांत महेश्वरी को सौंपा गया। साथ ही अपनी मांगों को उनके सामने रखा। जिला प्रभारी कपिल यादव ने कहा कि शिक्षामित्रों की स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई है। आज हम 20 वर्षों की सेवा के बाद अपने-अपने घर की जिम्मेदारियों तले दबे हुए है। समस्याओं से ग्रसित होकर प्रदेश में करीब तीन हजार शिक्षामित्रों ने आत्महत्या कर ली। प्रदेश सरकार से शिक्षामित्रों को बहुत उम्मीद है कि उनके समस्याओं का समाधान किया जाए। जिला संगठन मंत्री कुमुद केशव पांडे ने बताया कि नई शिक्षा नीति में शिक्षामित्रों की 20 वर्षों की सेवाओं को देखते हुए सेवाकाल 62 वर्ष और 12 माह का मानदेय देते हुए प्रतिवर्ष महंगाई भत्ते के अनुसार मानदेय वृद्धि करते हुये शिक्षामित्रों का भविष्य उज्ज्वल किया जाए। 2018 में शीर्ष स्तर शिक्षामित्रों की समस्याओं के निस्तारण हेतु कमेटी बनी थी, उक्त कमेटी की रिपोर्ट लागू कराया जाए जिससे उन्हें सुविधाएं मिल सके। साथ ही टीईटी उत्तीर्ण शिक्षामित्रों को आगामी भर्ती में अनुभव के आधार पर वरीयता प्रदान कर सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति प्रदान किया जाए। इस पर क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी ने आश्वासन दिया कि शिक्षा मित्रों के प्रति सरकार गंभीर है। ज्ञापन मुख्यमंत्री तक पहुंचा दिया जाएगा। इस अवसर पर जिला प्रभारी कपिल यादव, अनिल गंगवार, कुमुद केशव पांडे, मोहम्मद यूनुस अंसारी सहित कई शिक्षामित्र मौजूद रहे।