एफएनएन, नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट कोरोना महामारी से पूर्व की अपनी पूरी क्षमता के साथ सोमवार से काम शुरू करेगा। करीब 30 न्यायाधीशों के साथ शीर्ष न्यायालय की बारह पीठ रोजाना वीडियो कांफ्रेंस के जरिये सुनवाई के लिये बैठेंगी। मार्च में कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद से विभिन्न संयोजन में दो से तीन न्यायाधीशों की पांच पीठ कार्य दिवस पर रोजाना करीब 20 मामलों की सुनवाई के लिये बैठ रही थीं। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक, दो से तीन न्यायाधीशों की 10 पीठ और एकल न्यायाधीशों की दो पीठ मामलों की सुनवाई के लिये 12 अक्टूबर से प्रतिदिन बैठेंगी। शीर्ष न्यायालय राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू होने के दो दिन पहले, 23 मार्च से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई कर रहा है। सोमवार के लिये सूचीबद्ध मामलों के मुताबिक आठ पीठ, तीन-तीन न्याधीशों की और दो पीठ, दो-दो न्यायाधीशों की होंगी। वहीं, दो एकल न्यायाधीशों की पीठ हस्तांतरण याचिकाओं की सुनवाई करेंगी और उस पर फैसला करेंगी। देश में कोरोना महामारी फैलने के बाद, शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री पर्याप्त सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं की कमी सहित विभिन्न कारणों से कम संख्या में कर्मचारियों के साथ काम कर रही है। वकीलों और वादियों की सुविधा के लिए, जिन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, उनकी सुविधा के लिए 12 कमरे बनाए गए हैं, जिनमें से पांच कमरे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अतिरिक्त भवन परिसर से और सात कुलपति सुविधा कमरे कार्यात्मक हैं। शीर्ष अदालत ने कहा था कि दिल्ली के जिला न्यायालय परिसर से प्रत्येक को कुलपति सुविधा कमरों में तकनीकी वीसी सहायता प्रदान की जाती है।