Thursday, March 28, 2024
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क्षेत्र पंचायत सदस्य की कुर्सी पर लटकी तलवार, फर्जी निर्वाचन पर जवाब तलब, अब कार्यवाही की तैयारी

  • जांच में पुष्टि के बाद विकास भवन में दबी फाइल पर जागे अफ़सर, जवाब देने नहीं पहुंची क्षेत्र पंचायत सदस्य आभा सिंह

एफएनएन, रुद्रपुर : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गृह जनपद में झूठा शपथ पत्र देकर क्षेत्र पंचायत सदस्य बनीं भमरौला की आभा सिंह की फाइल आखिर खुल ही गई। शिकायत पर हुई जांच में आरोप सिद्ध हो जाने के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी की ओर से उन्हें कारण बताओ नोटिस भी दिया गया, लेकिन कोई जवाब न मिलने पर अब इस मामले में आभा सिंह पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी गई है।आपको बता दें कि ग्रामसभा 16 भमरौला-रामनगर से निर्वाचित क्षेत्र पंचायत सदस्य आभा सिंह पत्नी शंभू प्रताप सिंह पर चुनाव में झूठा शपथ पत्र देने का आरोप लगा था। आरोप भी गंभीर था। नियमानुसार दो बच्चों से ज्यादा वाला व्यक्ति जिला/ क्षेत्र पंचायत का चुनाव नहीं लड़ सकता। आभा सिंह के 4 बच्चे वंशिका 11 वर्ष, आयुष्मान प्रताप सिंह 9 वर्ष, रिद्धि सिंह 7 वर्ष और शिवांग प्रताप सिंह 4 वर्ष के हैं, बावजूद उन्होंने कोर्ट एवं सरकार के आदेश का उल्लंघन करते हुए बीडीसी सदस्य के लिए दाखिल अपने नामांकन पत्र में गलत तरीके से दो बच्चे ही दिखाएं। दो बच्चों को शपथ पत्र में नहीं दर्शाया गया।

इस मामले में अक्टूबर 2019 में जिलाधिकारी नीरज खैरवाल से शिकायत हुई। इसमें भमरौला गांव के परिवार रजिस्टर के उस पन्ने की छायाप्रति भी लगाई गई, जिसमें आभा सिंह के चार बच्चे दर्ज हैं। इस मामले की जिलाधिकारी के आदेश पर तहसीलदार डॉक्टर अमृता शर्मा ने राजस्व उप निरीक्षक दीपक कुमार चौहान और ग्राम विकास अधिकारी संजय कुमार गांधी से जांच कराई तो आरोप सिद्ध हो गया। यह पाया गया कि आभा सिंह ने 4 बच्चे न दिखाकर शपथ पत्र में दो बच्चे ही दिखाए। ऐसे में तहसीलदार की ओर से जिलाधिकारी को जांच रिपोर्ट दी गई, जिसमें आभा सिंह को दोषी बताया गया और उनका चुनाव निरस्त करने की संस्तुति की गई। जिलाधिकारी ने राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव को पत्र भेजा और राज निर्वाचन आयोग ने पंचायती राज विभाग के सचिव को उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 (यथा संशोधित) की धारा 53 द का उल्लंघन पाते हुए इस मामले में कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके बाद निदेशक पंचायती राज की ओर से उत्तराखंड शासन के प्रभारी सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा को पत्र भेजकर कार्रवाई हेतु उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम की धारा 138 में प्रतिनिधि किए गए प्राधिकारी के दृष्टिगत कार्रवाई को कहा । इसकी प्रति भी राज निर्वाचन आयोग के सचिव को भेजी गई। निदेशक पंचायती राज हरीश चंद्र सेमवाल ने आभा सिंह पर कार्रवाई के लिए जिला अधिकारी को पत्र भेजा और जिलाधिकारी ने सीडीओ को पत्र लिखा। देर से ही सही लेकिन अब इस मामले में आभा सिंह पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। जिला पंचायत राज अधिकारी की ओर से उन्हें 13 अगस्त को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया लेकिन आभा सिंह ने कोई जवाब नहीं दिया और इस नोटिस की 15 दिन की मियाद पूरी हो चुकी है। प्रशासन अब आभा सिंह की बर्खास्तगी की तैयारी कर रहा है, साथ ही उन पर आपराधिक मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। जानें, क्या कुछ कहा जिला पंचायत राज अधिकारी ने।

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