दिवाली के दौरान होने वाली आतिशबाजी के चलते प्रदूषण स्तर पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विशेषज्ञों की नजर रही। बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि ने बताया कि प्रदूषण की मानीटरिंग की जा रही थी, जिसमें निजी कंपनी के विशेषज्ञों की मदद भी ली गई।
बताया कि देहरादून के अलावा हरिद्वार, काशीपुर, हल्द्वानी, रुद्रपुर, ऋषिकेश, रुड़की, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल जैसे तमाम शहरों में प्रदूषण स्तर की मानीटरिंग की गई है। जिसकी रिपोर्ट केंद्रीय प्रदूषण भेजी जा रही है। उन्होंने बताया कि सोमवार को आतिशबाजी के दौरान प्रदूषण स्तर के साथ ही ध्वनि प्रदूषण के स्तर के भी मानीटरिंग भी की गई, जिसके लिए विशेषज्ञों को जरूरी निर्देश जारी किए गए थे।
- ये होता है एक्यूआइ
शून्य लेकर 50 एक्यूआई स्तर को सेहत के लिए ठीक माना, जबकि 51 से लेकर 100 तक एक्यूआई संतोषजनक, 101 से लेकर 200 तक एक्यूआई स्तर को मध्यम, 201 से लेकर 300 को खराब, 301 से लेकर 400 एक्यूआई स्तर को बेहद खराब और 401 से लेकर 500 तक एक्यूआई स्तर को सेहत के लिहाज से बेहद गंभीर माना जाता है।