Friday, March 29, 2024
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उत्तराखंड में बुरे हालात, प्रधानमंत्री ने जताई चिंता, कड़े फैसले लेने को कहा

एफएनएन, देहरादून : उत्तराखंड मे कोरोना के बढ़ते मामलों में चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को फोन कर हालात की जानकारी ली। वहीं, कोरोना को लेकर सरकार कड़े फैसले लेने में हिचकिचा रही है।

उत्तराखंड में कोरानो नियंत्रण से बाहर होता जा रहा है। मंगलवार को एक दिन में सर्वाधिक सात हजार से ज्यादा नए संक्रमित पाए गए। इस बीच बढ़ते मामलों में चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को फोन कर हालात की जानकारी ली। वहीं, कोरोना को लेकर सरकार कड़े फैसले लेने में हिचकिचा रही है। टुकड़ों में लॉकडाउन लगाया जा रहा है। कोरोना कर्फ्यू भी कुछ शहरों में ही है। वहीं, अन्य प्रदेश तक पूर्ण लॉकडाउन लगा चुके हैं। चिंताजनक बात ये है कि बिहार जैसे बड़े राज्य में कुल मौत का आंकड़ा उत्तराखंड से कम है। बिहार में 15 मई तक पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया है। वहीं, उत्तराखंड सरकार सख्त कदम उठाने से डर रही है। ऐसे में उत्तराखंड में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग उठ रही है।
दावे और हकीकत
अब बात करें व्यवस्थाओं की, तो सरकार के दावे भी धरातल पर उतरते नजर नहीं आ रहे हैं। होम आइसोलेशन वाले मरीज ऑक्सीजन के लिए परेशान हैं। लोग दम दोड़ रहे हैं। वहीं, सरकारी आंकड़ों में ज्यादा वे ही मौत दर्ज हैं, जो अस्पताल में हो रही हैं। घरों की मौत की कई बार सूचना तक स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिल रही है। दावे किए जा रहे हैं अस्पतालों में सुविधाओं के। हकीकत में बड़े शहरों में लोगों को अस्पताल में बेड तक उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। भीड़ से बचने के मंत्र को बड़े नेता तक नहीं अपना रहे हैं। वर्चुअली कार्यक्रम की बजाय वे मौके पर जाकर फोटो खिंचवाना पसंद कर रहे हैं। ऐसे जब खुद की फजीहत कराएंगे तो कोरोना को कैसे नियंत्रित किया जा सकेगा, ये सवाल उठना लाजमी है।
पीएम ने ली सीएम से जानकारी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने स्वयं ट्विट कर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन कर उत्तराखंड में कोरोना के हालात और सरकार की ओर से किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने ट्विट किया कि-आज परम आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने फोन कर उत्तराखंड के पहाड़ी एवं मैदानी क्षेत्रों में कोविड की स्थिति तथा उससे बचाव की लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री जी ने कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए केंद्र से दी जारी मदद को और बढ़ाने का भरोसा दिलाया है। मैं माननीय प्रधानमंत्री जी का हृदय से हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ।

उठने लगी लॉकडाउन की माग

अब राजनीतिक और अन्य संगठनों के लोग पूर्ण लॉकडाउन की मांग कर रहे हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक में भी गत दिवस मांग की गई कि उत्तराखंड में कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए दो सप्ताह का लॉकडाउन लगा दिया जाना चाहिए। वहीं, उत्तराखंड के पूर्व मुख्मयंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत भी कह चुके हैं कि सरकार को कड़े फैसले लेने में हिचकिचाहटन नहीं करनी चाहिए। हम सरकार के साथ हैं।

 

हरक सिंह रावत और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने भी जताई आवश्यकता

 

वन मंत्री हरक सिंह रावत भी उत्तराखंड की स्थिति को विस्फोटक बताते हुए लॉकडाउन की पैरवी कर रहे हैं। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी कोरोना कर्फ्यू की सख्ती के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कोरोना कर्फ्यू को सख्त करने की जरूरत है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि अमूमन यह देखने में आ रहा है कि सब्जी मंडी में भी भीड़ उमड़ रही है। मास्क के प्रयोग को लेकर लोग बेपरवाह है। ऐसे में सख्त कदम उठाने जरूरी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन से कोरोना की चेन टूटेगी, मगर सरकारों को सभी तरह की व्यवस्था देखनी होती है।

 

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने भी की पैरवी

 

वहीं, उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कोरोना की चेन को यदि तोड़ना है तो संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की जरूरत है। तभी हम कोरोना से लड़ाई जीत सकते हैं। इसी तरह अन्य नेता और संगठन की ओर से भी ऐसी आवाज उठने लगी है। इसके लिए सरकार को राष्ट्रीय स्तर प्रदेश स्तर पर सरकारों स्वास्थ्य विभाग, सेना, अर्द्ध सैनिक बलों व विपक्ष की समन्वय समिति बना कर सख्ती से लागू करना होगा। धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड में इस हालात को राज्य सरकार ने कुंभ के अनियोजित, अनियंत्रित, असंयमित आयोजन से आमंत्रित किया। इसके दुष्परिणाम को आज न केवल उत्तराखंड को, बल्कि पूरे उत्तर भारत को भुगतना पड़ रहा है।

फोन नहीं उठाते अधिकारी और नेता

हालात ये हैं कि परेशान व्यक्ति मदद के लिए किसे कहे। नेताओं को फोन मिलाओ तो वे फोन नहीं उठाते हैं। जहां पुलिस फोन आने पर दूसरे थाना क्षेत्र में भी दखल देकर मदद को खड़ी हो रही है, वहीं, इसके उलट कुछ विधायक तो दूसरे का क्षेत्र बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। फोन न उठाने की ऐसे ही एक प्रकरण पर जब एक विधायक को जब फोन न उठाने के संबंध में पूछा गया तो उनका कहना था कि मेरी भी निजी जिंदगी है। मैं सो नहीं पा रहा हूं। कभी व्यस्त रहा तो फोन नहीं उठा पाया होगा। जब उन्हें मामला बताया गया कि उन्हें किसी व्यक्ति ने क्यों फोन किया। इस पर उन्होंने साफ कहा कि वे दूसरे विधायक को फोन करें, उक्त इलाका उसका है। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी आम लोग तो क्या, मीडिया कर्मियों के भी फोन उठाने से बच रहे हैं।

 

सोनू सूद से सीख लें ऐसे नेता

ऐसे नेताओं को तो बस इतना ही कहना है कि कुछ फिल्म अभिनेता सोनू सूद से सीखो। जो पूरे देश भर में कोरोना संक्रमितों की मदद में जुटे हैं। उनके लिए न तो कोई क्षेत्र की सीमाएं हैं और न ही जाति का बंधन। न उन्हें किसी से वोट मांगने हैं। सोनू सूद एक टीवी चैनल में इंटरव्यू में बोल रहे थे कि जब आप किसी की मदद करते हो तो सोना मना है। क्या पता किस वक्त जरूरतमंद का फोन आ जाए। यानी रात को भी नींद में वे फोन उठाते हैं। अब एक छोटे से राज्य उत्तराखंड के छोटे से क्षेत्र की विधानसभा के विधायकों के पास यदि फोन कॉल आती है और यदि वे उस वक्त उठाते नहीं, तो पलटकर फोन करने की वे जहमत तक नहीं उठा रहे हैं।

एक दिन में सर्वाधिक संक्रमितों का आंकड़ा सात हजार पार

उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है। मंगलवार चार मई की शाम को स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 7028 नए कोरोना के संक्रमित मिले। ये अब तक का प्रदेश में सर्वाधिक आंकड़ा है। इससे पहले 28 अप्रैल को सर्वाधिक 6954 नए संक्रमित मिले थे। प्रदेश में 85 लोगों की कोरोना से मौत हुई। इससे पहले सर्वाधिक 128 लोगों की मौत सोमवार तीन मई को हुई थी। वहीं, मंगलवार को 56627 लोग कोरोना को मात देकर स्वस्थ हुए हैं। इसी माह अप्रैल में एक दिन में नए संक्रमितों के मामले में ये लगातार 10वीं बार है कि जब एक दिन में पांच हजार से ज्यादा संक्रमित मिले। वहीं, तीन बार छह हजार, और एक बार सात हजार का आंकड़ा एक दिन में पार हो चुका है। मंगलवार को 229 केंद्र में 25403 लोगों को कोरोना के टीके लगाए गए। ये संख्या कम है। पहले हर दिन रोजाना तीस से चालीस हजार लोगों को टीके लगाए जा रहे थे। एक दिन तो ये आंकड़ा एक लाख के पार भी पहुंचा था। प्रदेश के कई शहरों में छह मई तक कर्फ्यू है। साथ ही प्रदेश भर में 279 कंटेनमेंट जोन हैं।

कुल संक्रमित दो लाख के पार

उत्तराखंड में अब कुल संक्रमितों की संख्या दो लाख के पार हो गई। मंगलवार को कुल संक्रमितों की संख्या 204051 हो गई। इनमें से 140184 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं अब तक उत्तराखंड में कुल 3015 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। यही नहीं, मंगलवार को कुल 45213 लोगों के कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल लिए गए।

सर्वाधिक संक्रमित देहरादून में

मंगलवार को भी देहरादून में सर्वाधिक 2789 संक्रमित मिले। उधमसिंह नगर में 833, नैनीताल में 819, हरिद्वार में 657, पौड़ी गढ़वाल में 513, पिथौरागढ़ मे 231, बागेश्वर में 215, टिहरी गढ़वाल में 200, अल्मोड़ा में 170, चंपावत में 163, उत्तरकाशी में 153, चमोली में 150, रुद्रप्रयाग में 135 नए संक्रमित मिले।

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