Friday, April 19, 2024
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Homeराज्यउत्तराखंडउत्तराखंड में बारिश से बड़ा नुकसान, दो की मौत, 3 लापता

उत्तराखंड में बारिश से बड़ा नुकसान, दो की मौत, 3 लापता

एफएनएन, रुद्रपुर : चक्रवाती तूफान ताउते अब कमजोर पड़ चुका है। इसके बावजूद इसका असर समूचे उत्तर भारत में देखा जा रहा है। दिल्ली एनसीआर से लेकर हिमाचल और उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी है। ऊंची चोटियों में बर्फबारी हो रही है। मई के महीने में ही ठंड का अहसास होने लगा है। लगातार बारिश से नुकसान भी दिखने लगा है। सड़कें जलमग्न हो रही हैं। उत्तराखंड में भारी बारिश के दौरान चार लोगों की मौत हो गई, दो लापता हैं और दो लोग घायल हो गए। नैनीताल जिले में भवाली में भीमताल रोड स्थित नगारी गांव में एक निर्माणाधीन मकान की सुरक्षा दीवार टूटकर नीचे घर में घुस गई। जिससे घर में सो रहे दो लोग मलवे में दब गए। जानकारी के अनुसार बीती रात से हो रही मूसलाधार बारिश से नगारी गांव निवासी प्रीति भल्ला पति जनरल अमरजीत सिंह भल्ला के घर में गुरुवार सुबह निर्माणाधीन मकान की सुरक्षा दीवार गिर गई। आनन फानन में दोनों ने बाथरूम में जाकर अपनी जान बचाई। सुबह रेस्क्यू कर दोनों को सीएचीसी भेजा गया। प्रीति भल्ला को ज्यादा चोटे लगने से हायर सेंटर रेफर किया गया है।

उधर, बाजपुर में केलाखेड़ा के निकट गांव रम्पुरा काजी स्थित कच्चे मकान की दीवार धराशायी हो गई। अंदर सो रहे दो लोगों की दबकर मौत हो गई। गुरुवार सुबह पांच बजे तेज हवा और बारिश के चलते गांव रम्पुरा काजी में एक कच्चे मकान की दीवार अचानक धराशायी हो गई। कच्चे मकान के अंदर सो रहे शंकर (28) निवासी ट्रांजिट कैंप रुद्रपुर और मुकेश (40) निवासी खेड़ा रुद्रपुर की दबकर मौत हो गई।

सूचना पर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। एसडीएम विवेक प्रकाश, सीओ वंदना वर्मा, एसओ बीसी जोशी ने घटनास्थल पर पहुंच कर जांच पड़ताल की। पुलिस ने दोनों शवो को कब्जे में लेकर पंचायत नामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस बीच हल्द्वानी में गौला का जलस्तर अत्यधिक बढ़ गया। आज गौला बैराज से भी पानी छोड़ा गया। उप जिलाधिकारी विवेक राय ने सुबह ही लोगों से गौला नदी से दूर रहने का आह्वान कर दिया था।

देहरादून के चकराता क्षेत्र में बादल फटने से दो लोगों की मौत हो गई और दो लोग लापता बताए जा रहे हैं। चकराता तहसील के अंतर्गत क्वांसी के पास खेड़ा बिजनाड़ में कोल्हा निवासी कुछ ग्रामीण किसानों की छानिया है। गुरुवार सुबह अतिवृष्टि के कारण बादल फटने से बिजनाड़ में रह रहे स्थानीय ग्रामीण कालिया, फंकियारु व गुंता नामक तीन ग्रामीण परिवारों की छानी पर पहाड़ से भारी मात्रा में मलबा आ गया। जिसकी चपेट में आने से मुन्नादास और एक बच्ची की मौत हो गई। वहीं, एक बच्ची सहित दो लोग लापता बताए जा रहे हैं। इसके अलावा ग्रामीणों के पशु और मवेशी भी मलबे के नीचे दब गए। घटना की सूचना के तुरंत बाद एसडीएम संगीता कनौजिया के निर्देशन में तहसीलदार पूरण सिंह तोमर के नेतृत्व चकराता से एसडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। घटनास्थल सड़क मार्ग से 2 किमी दूर पैदल है। आसपास के लोग राहत बचाव कार्य में जुट गए।

बारिश के कारण मसूरी-देहरादून मार्ग गलोगी पावर हाउस के पास मलबा गिरने से बाधित हो गया है, जिससे लोगों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने आज 20 मई का रेड अलर्ट जारी किया है। कई इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। कल 21 मई से बारिश में कमी होने लगेगी। पर्वतीय क्षेत्रों में ही कुछ इलाकों में बारिश होने की संभावना है।

भारी बारिश से उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में नदी और नाले उफान पर हैं। बदरीनाथ हाईवे पर लामबगड़ के पास गदेरा (बरसाती नाला) उफान पर आ गया। इसका पानी हाइवे पर गुजरने लगा। ऐसे में एक ट्रक फंस गया। चालक ने किसी तरह भागकर जान बचाई। लगातार बारिश के चमोली जिले में पड़गासी, पटुडी और लामबगड़ के ग्रामीण दहशत में हैं।

उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश

वहीं, उत्तराखंड में भी मूसलधार बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। चारधाम समेत राज्य के ज्यादातर इलाकों में दिनभर बारिश होती रही। बदरीनाथ और केदारनाथ की चोटियों पर हिमपात की भी सूचना है। मौसम विभाग की ओर से आज भी भारी से भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, आज की बात करें तो उत्तराखंड के सभी जनपद में बीती रोज से बारिश हो रही है। बदरीनाथ की चोटियों में और हेमकुंड साहिब में बर्फबारी का दौर जारी है।

 

केदारनाथ समेत पूरे रुद्रप्रयाग जिले में बारिश हो रही है। वहीं, देहरादून और मसूरी में लगातार बारिश मौसम ठंडा हो गया है। लोगों को गर्मी से निजात मिल गई है। मई के माह में सितंबर व अक्टूबर माह के मौसम का अहसास हो रहा है।

कुमाऊं में भी लगातार बारिश से तापमान में गिरावट आ चुकी है। पिथौरागढ़ में तवाघाट-लिपुलेख मार्ग गर्बाधार के पास मलबा आने से बंद हो गया है। जिले के अन्य सभी मार्ग यातायात के लिए खुले हैं।

 

भारी बारिश से कच्चे मार्गों पर पानी भर गया। पिथौरागढ़ जिले के कई कच्चे मार्ग दलदल बन चुके हैं। मुनस्यारी सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बारिश हुई। मुनस्यारी में तेज बारिश तथा उच्च हिमालय की चोटियों सहित छिपलाकेदार एवं अन्य चोटियों पर हिमपात होने से फरवरी जैसी ठंड पड़ रही है। उधर धारचूला के निचले इलाकों में बारिश हो रही है उच्च हिमालयी व्यास और दारमा की चोटियों पर हिमपात की सूचना है। नैनीताल में बारिश से दीवार गिर गई दो के घायल होने की सूचना है।

दिल्ली का गिरा तापमान

 

दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार से ही मौसम ठंडा चल रहा है और बुधवार सुबह से लगातार बारिश हो रही है। दिल्ली में बुधवार की सुबह से हो रही लगातार बारिश ने सत्तर साल पहले के रिकॉर्ड को दोहराया है। बारिश ने मई महीने का 1976 का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। लगातार हो रही बारिश की वजह से कई जगहों पर पानी जमा हो गया है।

लगातार हो रही बारिश के चलते दिल्ली का तापमान गिरकर 23.8 डिग्री पर पहुंच गया है। सामान्य से करीब 16 डिग्री तापमान गिरा है और 1951 के बाद पहली बार मई में सबसे कम तापमान दर्ज किया गया है। दिल्ली में आज भी दिन भर बारिश के आसार हैं। कहीं कहीं बादल और कहीं हल्की धूप है।

दिल्ली के रीजनल वेदर फोरकास्ट सेंटर ने बताया है कि आज दिल्ली और आसपास के कई इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। दिल्ली में कुछ जगहों सहित, पानीपत, गन्नूर, मुज़फ्फरनगर, नजीबाबाद, बिजनौर, चांदपुर, हस्तिनापुर, सकोटी, टांडा, दौराला, मेरठ, मोदीनगर, किठोर, गढ़मुक्तेश्वर, हापुड़ और अनूपशहर में अगले कुछ घंटों में बारिश होगी।

दूसरे साइक्लोन की आहट

देश के पश्चिमी तटों पर तूफान ताउते के बाद अब पूर्वी तटों पर एक अन्य चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है. मौसम विभाग ने बुधवार को बताया है कि चक्रवाती तूफान ‘यास’ 26-27 मई को पूर्वी तट पर पहुंच सकता है। विभाग ने बताया कि उत्तर अंडमान सागर और बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी में 22 मई को कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है जो इसके बाद के 72 घंटों में चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है।

विभाग के चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने बताया कि यह उत्तर पश्चिम की तरफ बढ़ सकता है और 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल-ओडिशा के तटों तक पहुंच सकता है। उसने बताया कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम और मेघालय 25 मई से हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है। विभाग ने बताया कि इसके बाद बारिश तेज होगी।

उत्तराखंड का मौसम

उत्तराखंड में करीब दो सप्ताह से अधिक समय से पर्वतीय क्षेत्र में तो हर दिन ही बारिश हो रही है। इस दौरान बादल फटने की कई घटनाएं भी हो चुकी हैं। बुधवार की रात से शुरू हुई बारिश गुरुवार 20 मई को भी जारी है। प्रदेश के अधिकांश हिस्सों जोरदार बारिश हो रही है।

आगामी मौसम का हाल

राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल के मुताबिक आज 20 मई का उत्तराखंड में रेड अलर्ट जारी किया गया है। अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश गर्जन के साथ हो सकती है। ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फबारी की संभावना है। राज्य के देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग तथा पिथौरागढ़ जिले मे कहीं कहीं भारी बारिश की भी संभावना है। कुछ स्थानों पर आकाशीय बिजली चमकने और तेज बौछार की संभावना है।

यही नहीं, राज्य के उत्तरकाशी, देहरादून, टिहरी, चमोली, नैनीताल, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिले में कहीं कहीं अतिवृष्टि की संभावना है। राज्य के मैदानी क्षेत्र में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं। 21 मई को यलो अलर्ट है। इस दिन पर्वतीय क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश, ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना है। मैदानी क्षेत्र में कहीं कहीं बहुत हल्की से हल्की बारिश का अनुमान है। 22 मई को भी पर्वतीय क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। वहीं, मैदानी इलाकों में मौसम शुष्क रहेगा। उन्होंने बताया कि आने वाले दो-तीन दिनों में तापमान कम होगा। इस समय सामान्य के करीब चल है। बारिश का दौर तेज होते ही अधिकतम तापमान चार से छह डिग्री सेंटीग्रेड तक कम हो सकता है। 23 और 24 मई को उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों में कहीं कहीं बहुत हल्की से हल्की बारिश होगी। शेष जिलों में मौसम शुष्क रहेगा।

दो सप्ताह से उत्तराखंड में हो रही बारिश, हो चुका भारी नुकसान

उत्तराखंड में पिछले दो सप्ताह के पर्वतीय क्षेत्र में बारिश हो रही है। कभी कभार मैदानी क्षेत्र में भी बारिश का असर देखने को मिल रहा है। पर्वतीय क्षेत्र में ओलावृष्टि के साथ ही बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं। बुधवार 12 मई को नैनीताल जिले के कैंचीधाम में बादल फटने से भारी तबाही मची। मंदिर परिसर मलबे से अट गया था। इससे पहले मंगलवार 11 मई को गढ़वाल मंडल में देवप्रयाग में आंचलच पर्वत पर बादल फटने से शांता गदेरे (बरसाती नाला) में आए उफान से कई घर और दुकान ध्वस्त हो गई। हालांकि कर्फ्यू के कारण दुकानें बंद थी और घरों से लोगों ने ऊंचाई वाले इलाकों में भागकर जान बचाई।

इससे पहले छह मई को बादल फटने से टिहरी जिले के घनसाली और जाखणीधार ब्लॉक में काफी नुकसान हुआ था। कई हेक्टेयर जमीन तेज बहाव में बह गई थी, जबकि घनसाली बाजार में कई वाहन मलबे में दब गए। जंगलों में बादल फटने से स्थानीय नैलचामी गदेरे में जलस्तर बढ़ गया, जिससे ये नुकसान हुआ था। वहीं, कुछ दिन पहले चमोली जिले में घाट क्षेत्र और रुद्रप्रयाग जिले में भी बादल फटने से नुकसान हुआ था। आकाशीय बिजली गिरने से उत्तरकाशी में कई मवेशियों की भी जान गई।

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