- आदेश का उल्लंघन कर हड़ताल हुई तो भुगतेंगे गंभीर नतीजे
एफएनएन, देहरादूनः उत्तराखंड सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में हड़ताल पर रोक लगा दी है। आदेशों का उल्लघंन कर हड़ताल शुरू करने पर गंभीर नतीजे भुगतने का अल्टीमेटम भी दे दिया है।
उधर, प्राइवेट डाक्टर शुक्रवार 11 दिसंबर से आईएमए के आह्वान पर उत्तराखंड समेत देश भर में ओपीडी बंद रखकर हड़ताल पर जाने की घोषणा कर चुके हैं। साथ ही राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स कर रहे चिकित्सक भी कोर्स पूरा होने की अवधि का पूरा वेतन देने के मुद्दे को लेकर विरोध पर अड़े हैं। इन विरोध प्रदर्शनों, हड़ताल से मरीजों को होने वाली असुविधाओ को देखते हुए सरकार ने जनहित में हड़ताल पर रोक का यह कड़ा फैसला लिया है।
पूरे वेतन पर अड़े सरकारी कालेजों के पीजी प्रशिक्षु चिकित्सक
बताते चलें कि उत्तराखंड के सरकारी कॉलेजों से पीजी कर रहे चिकित्सक कोर्स कंप्लीट होने की अवधि का पूरा वेतन देने की मांग को लेकर अरसे से आंदोलनरत हैं। इनका कहना है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इसी वर्ष प्रांतीय चिकित्सक संघ के सम्मेलन में इस आशय की घोषणा भी कर चुके हैं। इसे लेकर मंगलवार को भी इन चिकित्सकों ने प्रदेश के सचिव (स्वास्थ्य) से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा था। बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इस मुद्दे पर निर्णय तो लिया गया, लेकिन वेतन आधा ही रखा गया है। उधर, सरकार ने साफ किया है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच रोक के बावजूद अगर डाक्टरों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया तो संबंधितों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।