Thursday, April 25, 2024
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WHO की शीर्ष वैज्ञानिक ने बताया, भारत में हुए कोरोना विस्फोट के पीछे क्या है वजह?

एफएनएन, जेनेवा: भारत में कोरोनावायरस  लगातार कहर बरपा रहा है. तमाम प्रतिबंधों और लॉकडाउन जैसे सख्त कदमों के बावजूद कोरोना के नए मामलों में कोई खास कमी आते हुए नहीं दिख रही है. ऐसे में सवाल यह है कि कोरोना के बेलगाम मामले आने के पीछे की वजह क्या है? इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक ने भारत में कोरोना विस्फोट के कारणों को लेकर कहा कि भारत में COVID-19 का एक वेरिएंट बहुत अधिक संक्रामक है और तेजी से लोगों को शिकार बना रहा है. यह वैक्सीन से होने वाली प्रोटेक्शन को भी रोक सकता है.

डब्ल्यूएचओ की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने एएफपी को दिए इंटरव्यू में चेताया है कि भारत में हम जो स्थिति देख रहे हैं वह संकेत देते हैं कि यह वेरिएंट बहुत तेजी से फैल रहा है. बता दें कि शनिवार को भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना से 4,000 से ज्यादा मौतें हुई हैं. यह एक दिन में कोरोना से मौतों का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. यही नहीं इस दौरान चार लाख से ज्यादा नए केस दर्ज किए गए हैं.

स्वामीनाथन ने कहा कि कोविड-19 का B.1.617 वेरिएंट स्पष्ट रूप से भारत में कोरोना विस्फोट का महत्वपूर्ण कारक है. वायरस का यह प्रकार पिछले साल अक्टूबर में पहली बार पाया गया था. उन्होंने कहा, “कोरोना के मामलों में उछाल के पीछे कई चीजें हैं और तेजी से फैलाने वाला वायरस का प्रकार उनमें से एक है.”

उन्होंने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों के अलावा कई राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण B.1.617 वेरिएंट को गंभीरता से ले रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी जल्द ही इस पर कोई कदम उठाएगा.

डब्ल्यूएचओ की शीर्ष अधिकारी ने कहा, “B 1.617 वेरिएंट चिंता का विषय है क्योंकि इसमें कुछ म्यूटेशन है, जो ट्रांसमिशन को बढ़ा देता है और वैक्सीन या फिर प्राकृतिक संक्रमण द्वारा शरीर में पैदा होने वाले एंटीबॉडी को बनने से रोक सकता है.”

हालांकि, उन्होंने जोर दिया है कि भारत में कोरोना के मामलों में बेतरतीब उछाल के लिए सिर्फ कोविड-19 का यह संस्करण जिम्मेदार नहीं है बल्कि ऐसा लगता है कि भारत में लोगों की लापरवाही भी इसके लिए जिम्मेदार है. लोगों ने कोरोना के खिलाफ सुरक्षात्मक उपायों को गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने कहा कि भारत में कई लोगों को ऐसा लगा कि संकट खत्म हो गया. लोगों ने मास्क लगाना और अन्य उपायों का पालन करना छोड़ दिया.

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